विश्व हीमोफीलिया दिवस: लाल रोशनी से रोशन किया गया घंटाघर
विश्व हीमोफीलिया दिवस के उपलक्ष्य में घंटाघर को लाल रंग की रोशनी से प्रकाशित किया गया। हीमोफीलिया जागरूकता के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
देहरादून, जेएनएन। विश्व हीमोफीलिया दिवस के उपलक्ष्य में घंटाघर को लाल रंग की रोशनी से प्रकाशित किया गया। हीमोफीलिया जागरूकता के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसके अलावा हीमोफीलिया सोसाइटी देहरादून चैप्टर ने दून अस्पताल में भी एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
संस्था के महासचिव दीपक सिंघल ने बताया कि हीमोफीलिया एक आनुवंशिक बीमारी है। रक्त का थक्का ना बनने का यह गंभीर विकार है। जिसमें अंदरूनी या बाहरी चोट लगने पर खून बहना बंद नहीं होता है। इससे पीडि़त को विकलांगता या जान जाने का संकट भी बना रहता है। बताया कि प्रतिवर्ष 17 अप्रैल को हीमोफीलिया फेडरेशन के संस्थापक फ्रांक स्नाबेल के जन्मदिन पर विश्व हीमोफीलिया दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस बीमारी के तकरीबन 186 मरीज पंजीकृत हैं। जिसमें ज्यादा मरीज गढ़वाल मंडल के हैं। इन मरीजों के लिए दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, बेस अस्पताल हल्द्वानी व कोटद्वार में निश्शुल्क दवा की व्यवस्था है। इस दौरान प्रवीण जोशी, रवि मेहता, जेपी शर्मा, संजीव गोयल आदि उपस्थित रहे।
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