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परिस्थितियों के अनुरूप होगा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट

प्रदेश में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर सरकार ने साफ किया है कि सरकार का एक्ट प्रदेश की परिस्थितियों के अनुरूप ही बनाया जाएगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 20 Feb 2019 09:44 PM (IST)Updated: Wed, 20 Feb 2019 09:44 PM (IST)
परिस्थितियों के अनुरूप होगा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट
परिस्थितियों के अनुरूप होगा क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट

राज्य ब्यूरो, देहरादून: प्रदेश में क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर सरकार ने साफ किया है कि सरकार का एक्ट प्रदेश की परिस्थितियों के अनुरूप ही बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार जल्द ही अपना एक्ट लेकर आएगी।

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क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट एक्ट को लेकर जहां निजी चिकित्सक हड़ताल पर हैं वहीं विपक्ष के साथ ही कुछ भाजपा विधायकों ने भी इसे अव्यवहारिक करार दिया। नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने कहा कि यह एक्ट प्रदेश में केंद्र के समान ही लागू हो रहा है। निजी डॉक्टरों की दिक्कतों को देखते हुए प्रदेश सरकार इसमें अपनी व्यवस्था करे। भाजपा विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने कहा कि उत्तराखंड की परिस्थितियों में इसे लागू करना बेहद मुश्किल है। विकास प्राधिकरण ने भी जो प्रावधान किए हैं वह वर्षो पहले बने अस्पतालों के लिए अव्यवहारिक हैं। निश्चित रूप से इसमें नुकसान होगा। विधायक प्रदीप बत्रा ने भी राज्य के 50 बेड से कम अस्पतालों को एक्ट के दायरे से बाहर करने को लेकर सदन में नियम 53 के तहत सूचना भी लगाई।

इस संबंध में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि कुछ लोग इस एक्ट को लेकर कोर्ट गए थे, लेकिन वहां इससे सुनने योग्य भी नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा यह है कि वह अपना एक्ट लेकर आएगी। राज्य की परिस्थितियों के अनुसार केंद्रीय एक्ट में संशोधन किया जाएगा। यह एक्ट यहां की परिस्थतियों के अनुसार ही होगा।


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