बिंदाल नदी के किनारे स्थित मलिन बस्ती पहुंचे डीएम, पानी की निकासी दुरुस्त रखने के दिए निर्देश
देहरादून के जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार गुरुवार को गांधीग्राम और चकराता रोड क्षेत्र में बिंदाल नदी के किनारे स्थित मलिन बस्ती पहुंच गए। इन बस्तियों में मानसून में नदी का पानी घुसने की समस्या पेश आती रहती है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार गुरुवार को गांधीग्राम और चकराता रोड क्षेत्र में बिंदाल नदी के किनारे स्थित मलिन बस्ती पहुंच गए। इन बस्तियों में मानसून में नदी का पानी घुसने की समस्या पेश आती रहती है। जिलाधिकारी ने भी पाया कि बस्ती में रहने वाले व्यक्तियों के लिए नदी से खतरा पैदा हो सकता है। लिहाजा, उन्होंने पानी की निकासी की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
मलिन बस्तियों के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि बस्तियों के आसपास सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखी जाए। जिससे नदी का बहाव बाधित न हो। इससे नदी के उफान में आने पर पानी बस्ती में नहीं घुस पाएगा। इसके साथ पुल के नीचे वाले स्थानों पर फंसने वाले प्लास्टिक व अन्य कचरे के उठान के प्रयास भी तेज किए जाएं। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि सफाई व्यवस्था फौरी उपाय है।
मलिन बस्तियों को खतरे से बचाने के लिए दीर्घकालिक उपाय भी किए जाएं। इसके अलावा उन्होंने उप जिलाधिकारी सदर गोपालराम बिनवाल को नगर निगम के साथ समन्वय बनाकर दीर्घकालिक योजना बनाने के लिए कहा। इसके तहत नदी को बाधित करने वाले अतिक्रमण आदि पर कार्रवाई की जाएगी। निरीक्षण के दौरान वरिष्ठ नगर स्वास्थ्य अधिकारी डा. आरके सिंह व जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी डा. दीपशिखा रावत उपस्थित रहे।
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ट्रिब्यूनल में ही सुना जाएगा वरिष्ठता विवाद
तदर्थ से नियमित हुए शिक्षकों और सीधी भर्ती के नियमित शिक्षकों का वरिष्ठता विवाद अब लोक सेवा अभिकरण यानि ट्रिब्यूनल में सुना जाएगा। राजकीय शिक्षक संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश कोटनाला ने बताया कि गुरुवार को हाईकोर्ट में वरिष्ठता विवाद में अहम सुनवाई हुई। सुनवाई में न्यायालय की ओर से तदर्थ शिक्षकों की याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले की अग्रिम सुनवाई अभिकरण में ही करने का आदेश भी जारी कर दिया। कोटनाला ने बताया कि अभिकरण में आने वाले सोमवार को मामले की सुनवाई होगी। बता दें कि, शासन ने तदर्थ शिक्षकों का नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता का दावा खारिज कर दिया है। इसके बाद तदर्थ शिक्षक दोबारा हाई कोर्ट की शरण में जाकर इस आदेश पर स्टे लेने की तैयारी में थे।
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