क्लैट ने जारी की आंसर-की, छिड़ा विवाद; जानिए वजह
नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट की आधिकारिक आसर-की इस बार फिर विवादों में है। 29 मई की रात आंसर-की अपलोड की गई थी।
देहरादून, जेएनएन। देशभर की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) की आधिकारिक आंसर-की इस बार फिर विवादों में है। 29 मई की रात आंसर-की अपलोड की गई थी। इसमें 20 से ज्यादा प्रश्नों के जवाब गलत पाए गए। विवाद बढ़ता देख परीक्षा एजेंसी ने आंसर-की हटा दी। इसके बाद अब नई आंसर-की वेबसाइट पर अपलोड की है, लेकिन कुछ जवाबों को लेकर अब भी विवाद बना हुआ है।
बता दें, आंसर-की में पजल सेक्शन के करीब 10 और लगभग इतने ही दूसरे प्रश्नों के उत्तर गलत थे। बाद में इसे हटा दिया गया। वेबसाइट खोलने पर वेबसाइट पर अंडर मेंटेनेंस का संदेश आता रहा। हालाकि छात्रों ने इसे डाउनलोड कर लिया था। विशेषज्ञों और छात्रों का कहना है कि नई आंसर-की में भी कई प्रश्नों के उत्तर को लेकर गफलत है। पिछले साल भी उठा था विवाद यह पहला मामला नहीं है, जब क्लैट विवादों में आई है। 2018 में भी 12 प्रश्नों के उत्तरों के गलत होने की बात छात्रों ने उठाई थी।
हालांकि परीक्षा एजेंसी ने सिर्फ तीन प्रश्नों को ही गलत मान उसके अनुपातिक नंबर दे दिए थे। क्लैट की परीक्षा एजेंसी आरक्षित वर्ग के छात्रों से 3500 और सामान्य छात्रों से 4000 रुपए परीक्षा शुल्क के रूप में लेती है। इस लिहाज से देखा जाए तो अकेले प्रवेश परीक्षा से ही एजेंसी ने लगभग 22 करोड़ रुपए कमाए। इसके बावजूद गलतियों का सिलसिला नहीं थम रहा। अब तर्क यह दिया जा रहा है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर की गलती के चलते आंसर-की अपलोड करते समय उनका क्रम आगे-पीछे हो गया था, जिसे सुधार लिया है।
अगर अब भी किसी को आपत्ति है तो वह 02 जून की मध्य रात्रि तक दर्ज करा सकता है। चार जून को फाइनल आंसर-की जारी की जाएगी। लॉ प्रेप दून के निदेशक एसएन उपाध्याय का कहना है कि आंसर-की से छात्र अपने अंकों की गणना कर रैंक का अंदाजा लगा सकते हैं। परीक्षा का परिणाम दस जून को घोषित किया जाएगा।
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