बच्चों को स्कूलों में दाखिला को बाल आयोग चलाएगा अभियान
बच्चों को नशे से दूरी और स्कूल जरूरी के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग बस्तियों में जाकर मई से पुन अभियान चलाएगा। इसके लिए आयोग विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का सभी सहयोग लेगा। अभियान के तहत स्कूल न जाने और नशे में लिप्त बच्चों को स्कूल में दाखिला दिया जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: बच्चों को नशे से दूरी और स्कूल जरूरी के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग बस्तियों में जाकर मई से पुन: अभियान चलाएगा। इसके लिए आयोग विभिन्न सामाजिक संस्थाओं का सभी सहयोग लेगा। अभियान के तहत स्कूल न जाने और नशे में लिप्त बच्चों को स्कूल में दाखिला दिया जाएगा। इसके अलावा इन बच्चों व अभिभावकों की समय समय पर काउंसिलिंग की जाएगी।
उत्तराखंड में नशे में लिप्त बच्चों की संख्या में इजाफा हो रहा है। यह बात बाल आयोग के पास हर दिन आ रही शिकायतों से सामने आ रही है। आयोग के पास हर दिन दो शिकायत बच्चों के नशे में लिप्त से संबंधित है। बच्चों के नशा बेचने के मामले को लेकर आयोग ने संज्ञान लिया है। आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने बताया क बच्चों को नशे की जगह शिक्षा देने के लिए आयोग जल्द ही अभियान चलाएगा। आयोग ने इसके लिए महिला कल्याण निदेशालय को पत्र भेजकर सरकारी और गैर संस्थाओं की ओर से संचालित बाल निकेतन की में रिक्त सीटों की सूची मांगी है। उन्होंने बताया कि दो माह पूर्व खुद बिंदाल पुल पर बच्चों को नशे की पुडिया के साथ पकड़ा था। इसलिए यह अभियान शुरु किया गया है, जिसमें बाल आयोग के साथ पुलिस, समाज कल्याण विभाग और संस्थाओं की टीम सहयोग करेंगे। उ न्होंने बताय कि इस अभियान के लिए बच्चों के अभिभावकों से सहमति लेंगे।
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महिला व मानवाधिकार आयोग में सुनवाई 30 तक बंद
देहरादून: बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग व राज्य महिला आयोग में 30 अप्रैल तक सुनवाई पर रोक लगा दी गई है। आमजन का प्रवेश महिला आयोग कार्यालय में पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा, जबकि मानवाधिकार आयोग में भूतल पर रिसेप्शन में आमजन को शिकायती पत्र देने की राहत दी गई है।
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल ने 16 अप्रैल यानी आज से 30 अप्रैल तक समस्त मामलों में होने वाली काउंसिलिंग स्थगित करने के आदेश दिए हैं। जिन व्यक्तियों की काउंसिलिंग होनी थी, उन्हें बाद में दूसरी तिथि दी जाएगी। वहीं, मानवाधिकार आयोग के प्रशासनिक अधिकारी हरीश चंद्र पांडेय ने बताया कि 16 अप्रैल से 30 अप्रैल तक पक्षकारों के कार्यालय में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। पक्षकार अपना जवाब ई-मेल, फैक्स और पंजीकृत डाक से भेज सकते हैं। पक्षकारों को आयोग के कार्यालय में भूतल पर स्थित रिसेप्शन में पत्र देने की छूट रहेगी।
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