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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्यधाम स्थल का किया निरीक्षण, कहा- निर्माण में लाएं तेजी

आज सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुरकुल स्थित सैन्यधाम स्थल का निरीक्षण किया। सीएम धाम ने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण व जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि सैन्य धाम के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 06 Dec 2021 06:49 PM (IST)Updated: Mon, 06 Dec 2021 06:49 PM (IST)
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सैन्यधाम स्थल का किया निरीक्षण, कहा- निर्माण में लाएं तेजी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुरकुल स्थित सैन्यधाम स्थल का निरीक्षण किया।

जागरण संवाददाता, देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पुरकुल स्थित सैन्यधाम स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने प्रमुख सचिव सैनिक कल्याण व जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि सैन्यधाम के निर्माण कार्यों में तेजी लाई जाए। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सैन्यधाम सभी की भावनाओं से जुड़ा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन के अनुरूप सैन्यधाम को उत्तराखंड के पांचवें धाम के रूप में तैयार किया जा रहा है। इसे भव्य रूप दिया जाएगा और सभी शहीदों की स्मृतियों में सहेजा जाएगा।

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सैन्यधाम की मूल अवधारणा को साकार करने के लिए यहां शहीदों के आंगन की मिट्टी लाई जा रही है। लिहाजा, इसके निर्माण में किसी भी तरह की चूक नहीं रहनी चाहिए। संबंधित अधिकारी निर्माण कार्यों पर अपनी सीधी नजर बनाए रखें। निरीक्षण में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, प्रमुख सचिव एल फैनई, जिलाधिकारी डॉ. आर राजेश कुमार, उपनल के एमडी ब्रिगेडियर पीपीएस पाहवा (रिटा.) आदि शामिल रहे।

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छात्र हितों की अनेदखी कर रही सरकार : एनएसयूआइ

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने प्रदेश सरकार पर हमला बोला। कहा कि उनका संगठन लंबे समय से छात्र हितों से जुड़े मुद्दों को उठाते आ रहा है। लेकिन सरकार राजनीति कारणों से उनके मुद्दों को नजरअंदाज कर रही है। इससे प्रदेश के कालेज एवं विश्वविद्यालय के छात्रों में सरकार के प्रति गहरा रोष है।

सोमवार को राजपुर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में मोहन भंडारी ने कहा कि एनएसयूआइ के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज कुंदन के नेतृत्व में नौ दिसंबर को संगठन विधानसभा का घेराव करेगी। बताया कि एनएसयूआइ की मांग है कि नई शिक्षा नीति वापस ली जाए, शिक्षा व सरकारी उपक्रमों के निजीकरण बंद हो। साथ ही विभिन्न परीक्षाओं में हो रहे घोटाले की जांच की जाए। प्रतियोगी परीक्षाओं में राज्य के युवाओं को उम्र सीमा में छूट दी जाए। भंडारी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने दिसंबर तक 22 हजार युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन अभी तक सरकार एक हजार युवाओं को भी रोजगार नहीं दे पाई है। सरकार को छात्र हितों की अनदेखी भारी पड़ेगी। इस अवसर पर अभिषेक डोबरियाल, उदित थपलियाल, हिमांशु रावत, प्रियल ध्यानी, अरुण टम्टा, नमन शर्र्मा आदि मौजूद रहे।

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