मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शहीद दीपक वालिया के घर जाकर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने तीन अक्टूबर 1994 को दून में पुलिस फायरिंग में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारी दीपक वालिया के आवास पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
देहरादून, जेएनएन। तीन अक्टूबर 1994 को दून में पुलिस फायरिंग में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारी दीपक वालिया के आवास पर गुरुवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीद के बद्रीपुर स्थित आवास जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वह शहीद के परिजनों से भी मिले।
गुरुवार दोपहर साढ़े 11 बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत बद्रीपुर स्थित शहीद दीपक वालिया के घर पहुंचे। उन्होंने कहा कि दो अक्टूबर को मुजफ्फरनगर कांड से आंदोलनकारियों में जबरदस्त उबाल था। जिसके खिलाफ तीन अक्टूबर को प्रदेशभर में उग्र आंदोलन हुए। इसी आंदोलन को दबाने के लिए पुलिस ने बरबता की और फायरिंग में दीपक वालिया शहीद हुए। सीएम रावत ने कहा कि हमें राज्य का शहीदों के सपनों के अनुसार राज्य का निर्माण करना है। अगर हम कर यह कर पाए तो वही शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद दीपक वालिया उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए संघर्षरत रहे और इसके लिए अपना बलिदान भी दिया। यह हम सभी का कर्तव्य है कि उत्तराखंड राज्य निर्माण के लिए अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य आंदोलनकारियों की आकांक्षाओं के अनुरूप उत्तराखंड राज्य बनाने की दिशा में हम आगे बढ़ें।
मुजफ्फरनगर कांड की सूचना पर उग्र हो गए थे लोग : ढाई दशक पहले मुजफ्फरनगर कांड की सूचना पर दून में लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। इस घटना में शहीद हुए रविंद्र सिंह रावत की शवयात्र पर पुलिस के लाठीचार्ज के बाद स्थिति और उग्र हो गई। शहरभर में इसके विरोध में प्रदर्शन हुआ। व्यापारियों ने दुकानों के शटर गिरा दिए और स्कूल-कॉलेज बंद करा दिए गए। जनता सड़कों पर उतर आई। इस जनआक्रोश को दबाने के लिए पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग कर दी। जिसमें 27 वर्षीय दीपक वालिया शहीद हो गए।
शहीद राजेश रावत को श्रद्धासुमन अर्पित किए
राज्य आंदोलनकारी मंच ने करनपुर गोलीकांड के शहीद राजेश रावत व जोगीवाला गोलीकांड के शहीद राजेश वालिया को 25वीं बरसी पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। शहीद राजेश रावत की माता आनंदी रावत व परिवार ने हर साल की तरह इस बार भी हवन अनुष्ठान कर शहीद को श्रद्धांजलि दी। मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने कहा कि राजनेताओं का शहीदों की सुध ना लेना दुखदायी है। न कभी किसी सरकार ने इनका हाल जाना और ना जिला प्रशासन ने। सरकार कभी सरकारी आयोजनों में भी शहीदों को याद नहीं करती। इस उपेक्षा से नाराज राज्य आंदोलनकारी मंच ने आगामी 13 अक्टूबर को शहीद स्मारक पर बैठक बुलाई है। जिसमें आगे की रणनीति तय की जाएगी।
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तीन अक्टूबर 1994 को दून में पुलिस फायरिंग में शहीद हुए राज्य आंदोलनकारी दीपक वालिया के आवास पर गुरुवार को श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी शहीद के बद्रीपुर स्थित आवास जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए। वह शहीद के परिजनों से भी मिले।
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