उत्तराखंड: आठ साल पुराने इस मामले में विधायक जोशी और पुंडीर पर आरोप तय, जानिए
विधायक गणेश जोशी और सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर पर आठ साल पुराने आपराधिक मामले में मंगलवार को अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। इसे लेकर गणेश जोशी और सहदेव पुंडीर अदालत में पेश भी हुए। शासकीय अधिवक्ता अनूप सिंह ने बताया कि मामला 11 अक्टूबर 2012 का है।
देहरादून, जेएनएन। मसूरी विधायक गणेश जोशी और सहसपुर विधायक सहदेव पुंडीर पर आठ साल पुराने आपराधिक मामले में मंगलवार को अदालत ने आरोप तय कर दिए हैं। इसे लेकर गणेश जोशी और सहदेव पुंडीर अदालत में पेश भी हुए। शासकीय अधिवक्ता अनूप सिंह ने बताया कि मामला 11 अक्टूबर 2012 का है। रेसकोर्स में विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ी एक जमीन पर कब्जे को लेकर विवाद हो गया था। मौके पर दोनों विधायक भी पहुंचे थे, जिसके बाद बवाल बढ़ गया।
इस प्रकरण में नेहरू कॉलोनी थाने में गणेश जोशी, सहदेव पुंडीर और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इसकी सुनवाई सीजेएम न्यायालय में चल रही है। पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसके बाद मंगलवार को न्यायालय में दोनों नेताओं समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ आरोप तय कर दिए गए। इनके खिलाफ विवाद के साथ महिला से छेड़छाड़ के आरोप में केस दर्ज हुआ है।
शक्तिमान प्रकरण में हुई गणोश जोशी की गवाही
बहुचर्चित शक्तिमान प्रकरण में मसूरी विधायक गणेश जोशी मंगलवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विवेक श्रीवास्तव की अदालत में पेश हुए। यहां अदालत के समक्ष घटनाक्रम को लेकर उनके बयान दर्ज किए गए। इस मामले में विधायक जोशी जमानत पर हैं। शक्तिमान प्रकरण वर्ष 2016 का है। तब सूबे में कांग्रेस की सरकार थी। 14 मार्च को विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओँ ने विधानसभा के सामने प्रदर्शन किया। यहां सुरक्षा में घुड़सवार पुलिसकर्मी भी तैनात किए गए थे। आगे बढ़ने को लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं की पुलिस से धक्का-मुक्की हो गई। आरोप है कि इस दौरान विधायक गणेश जोशी ने पुलिस के घोड़े शक्तिमान के पैर पर डंडे से वार कर दिया। इससे वह लड़खड़ा कर गिर गया। उसे उपचार के लिए ले जाया गया तो पता चला कि उसके पैर में फ्रैक्चर हो गया है।
इस चोट के चलते शक्तिमान की मौत हो गई थी। यह मामला सियासी हलकोंमें कई दिनों तक सुर्खियों में रहा। इस मामले में विधायक जोशी व अन्य पर पशु क्रूरता अधिनियम के तहत नेहरू कॉलोनी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने तब विधायक जोशी को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा था, लेकिन कुछ दिन बाद उन्हें जमानत मिल गई।
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