Chardham Yatra 2022: बरसात के मौसम में आ रहे हैं चारधाम यात्रा पर, तो रखें इन बातों का ध्यान
Chardham Yatra 2022 अगर आप बरसात के मौसम में चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी होगी। क्योंकि वर्षाकाल के दौरान पहाड़ी से बोल्डर गिरना और भूस्खलन से रास्ते बाधित हो जाते हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Chardham Yatra 2022: बरसात के इस मौसम में उत्तराखंड में पहाड़ों पर सफर करना खतरनाक हो जाता है। बारिश के दौरान पहाड़ी से कहीं बोल्डर गिरते हैं, तो कहीं भूस्खलन से मार्ग बाधित हो जाते हैं।
पिछले तीन दिनों में पहाड़ी से बोल्डर गिरने की चपेट में आने से चार तीर्थयात्रियों की मौत हो गई है। अगर आप इस मौसम में चार धाम यात्रा पर आ रहे हैं तो आपको कुछ सावधानियां बरतनी होंगी।
वर्षाकाल में इन बातों का रखें ध्यान
- चारधाम यात्रा की योजना बनाने से पहले आप मौसम की जानकारी जरूर ले लें।
- अगर लगातार वर्षा हो रही है तो इस स्थिति में पड़ावों से आगे न बढ़ें।
- यात्री पैदल मार्ग पर बरसाती के साथ ही आगे बढ़ें
- अपने साथ पानी और जरूरी दवाइयां साथ लेकर चलें।
- तीर्थयात्री यात्रा में जल्दबाजी न करें।
- मौसम खुलने पर ही अपनी आगे की यात्रा करें।
- पहाड़ों पर यातायात के नियमों का अनिवार्य रूप से पालन करें।
वाहनों पर बोल्डर गिरे, दो यात्रियों की मौत
29 जून को केदारनाथ हाइवे पर सोनप्रयाग से तीन किमी पहले मुनकटिया के पास एक मैक्स वाहन पहाड़ी से गिरे मलबे व बोल्डर की चपेट में आ गया। इससे वाहन में सवार एक महिला तीर्थयात्री की मौके पर मौत हो गई। जबकि 10 तीर्थ यात्री घायल हुए हैं, इनमें तीन की स्थिति गंभीर है।
उधर, बदरीनाथ धाम से लौट रही इनोवा कार पर भी नंदप्रयाग के पास पहाड़ी से बोल्डर आ गिरा, जिससे उसमें सवार एक तीर्थ यात्री की मौत हो गई। वहीं, गुरुवार को पहाड़ी से पत्थरों की चपेट में आकर दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई।
वर्षाकाल में ये आती हैं दिक्कतें
- मार्ग पर जगह-जगह सक्रिय हो जाते हैं भूस्खलन जोन।
- पहाड़ी से बोल्डर और मलबा गिरने लगता है।
- बारिश से अचानक सड़कों के पुश्ते ढह जाते हैं।
- बरसाती नाले उफान पर होने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
- अतिवृष्टि से सड़क और पैदल यात्रा मार्ग धंस जाते हैं।
भारी वर्षा, तीन दर्जन से अधिक मार्ग अवरुद्ध
उत्तराखंड में मानसून की दस्तक से भूस्खलन समेत अन्य कारणों से तीन दर्जन से अधिक मार्ग अवरुद्ध हो गए। इनमें बदरीनाथ और गंगोत्री हाईवे भी शामिल हैं। इससे बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री भी घंटों तक फंसे रहे।