Devasthanam Board: देवस्थानम बोर्ड को लेकर हाई पावर कमेटी से मिले तीर्थ पुरोहित, प्रस्तुत किए छह सौ साल पुराने दस्तावेज
Chardham Devasthanam Board श्रीबद्रीश पंडा पंचायत के प्रतिनिधि मंडल ने देवस्थानम बोर्ड के लिए सरकार की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहरकांत ध्यानी से मुलाकात की। पंचायत ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर आपत्ति प्रस्तुत करते हुए 12 सूत्रीय मांग पत्र प्रस्तुत किए।
जागरण संवाददाता, ऋषिकेश। Chardham Devasthanam Board श्रीबद्रीश पंडा पंचायत के प्रतिनिधि मंडल ने देवस्थानम बोर्ड के लिए सरकार की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहरकांत ध्यानी से मुलाकात की। पंचायत ने देवस्थानम बोर्ड को लेकर आपत्ति प्रस्तुत करते हुए 12 सूत्रीय मांग पत्र तथा अपने हक-हकूकों से जुड़े छह सौ वर्ष पुराने दस्तावेज भी उच्चस्तरीय समिति के समक्ष प्रस्तुत किए।
गुरुवार सुबह श्रीबद्रीश पंडा पंचायत के प्रतिनिधि मंडल ने ऋषिकेश में लक्ष्मणझूला मार्ग स्थित देवस्थानम बोर्ड की उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सदस्य मनोहरकांत ध्यानी के कार्यालय में उनसे मुलाकात की। श्रीबद्रीश पंडा पंचायत के अध्यक्ष प्रवीण ध्यानी ने 12 सूत्रीय मांगपत्र अध्यक्ष को सौंपा। जिसमें पंचायत ने चारधाम तीर्थ पुरोहित तथा हक-हकूकधारियों के वर्षों से चले आ रहे हकों को सुरक्षित रखने के लिए देवस्थानम बोर्ड को तत्काल भंग करने की मांग की। उन्होंने ज्ञापन में यह भी सुझाव दिए कि बदरीनाथ धाम के तप्त कुंड में यदि पुनर्निर्माण किया जाता है तो वहां पर लगे साइन बोर्डों से किसी प्रकार की छेड़छाड़ न की जाए। मंदिर परिसर में आने वाले भक्तों से पंडा समाज को दान लेने का अधिकार पूर्ववत रहे। भगवान बद्री विशाल के दर्शन करने के लिए जिस प्रकार की व्यवस्था पहले से थी वैसी ही बनी रहे। पुरोहितों को मंदिर में पूजा-पाठ व संध्या आदि के लिए जाने पर कोई रुकावट न हो और उन्हें परिचय पत्र भी जारी किए जाएं।
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पुरोहित समाज ने बदरीनाथ क्षेत्र में मनाए जाने वाले त्योहार गंगा दशहरा, जन्माष्टमी, गणेश महोत्सव, गुरु पूर्णिमा को भी पहले की तरह ही संपन्न कराने का अधिकार समिति को दिए जाने की मांग की। पुराने दस्तूर को भी जारी रखने आदि मांगों को लेकर प्रतिनिधि मंडल ने उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष से विस्तृत चर्चा की। पंडा पंचायत ने उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष के समक्ष छह सौ साल पुराने वह दस्तावेज व सनद भी प्रस्तुत की, जिसमें उन्हें तप्त कुंड तथा अन्य स्थानों पर पूजा-पाठ संपन्न कराने के अधिकार राजा, महाराजाओं की ओर से प्रदान किए गए थे।
उच्चस्तरीय समिति के अध्यक्ष मनोहर कांत ध्यानी ने समिति के सदस्यों को आश्वासन दिया कि उनके अधिकारों से किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।
इससे पूर्व उच्चाधिकार समिति के समक्ष गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ से जुड़े सभी संगठनों के पदाधिकारियों के अतिरिक्त प्रतिनिधियों से भी वार्ता हो चुकी है। ध्यानी ने बताया कि इस संदर्भ में सभी संगठनों से बातचीत किए जाने के बाद उसका निष्कर्ष सरकार के समक्ष एक रिपोर्ट के माध्यम से प्रस्तुत किया जाएगा। जिस रिपोर्ट के बाद सरकार अपना निर्णय सुनाएगी। उन्होंने बताया कि 30 नवंबर को उच्चस्तरीय समिति की बैठक में भी तमाम बिंदुओं पर विमर्श किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल में श्रीबद्रीश पंडा पंचायत के उपाध्यक्ष सुधाकर बाबुलकर, कोषाध्यक्ष अशोक टोडरिया, सहसचिव राजेश पालीवाल, अजय बंदोलिया, प्रदीप भट्ट, प्रफुल्ल पंचभैया, रमा बल्लभ भट्ट, प्रभाकर जोशी आदि मौजूद थे।
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