पैदल ही बदरीनाथ के लिए रवाना हुआ मेरठ का पर्यटक, रातभर भटकता रहा जंगल में; सुबह बरामद
लापता हुए पर्यटक को पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 17 सदस्यीय टीम ने मंगलवार सुबह खोज निकाला। पर्यटक सोमवार रात चोपता के निकटवर्ती जंगल से होते हुए गोपेश्वर की ओर आ रहा था लेकिन रास्ता भटक गया।
संवाद सहयोगी, गोपेश्वर (चमोली)। गोपेश्वर-चोपता पैदल मार्ग पर लापता हुए पर्यटक को पुलिस और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की 17 सदस्यीय टीम ने मंगलवार सुबह खोज निकाला। पर्यटक सोमवार रात चोपता के निकटवर्ती जंगल से होते हुए गोपेश्वर की ओर आ रहा था, लेकिन इस बीच वो रास्ता भटक गया और रातभर जंगल में ही भटकता रहा।
मथुरा-वृंदावन (उत्तर प्रदेश) निवासी हनुमान दास केदारनाथ दर्शनों के बाद बीते रविवार को पैदल ही बदरीनाथ के लिए रवाना हुआ। बताया गया कि सोमवार की रात को वह चोपता के निकटवर्ती जंगल के बीच से गुजरते हुए रास्ता भटक गया। जैसे ही उसे इस बात का आभास हुआ, उसने तत्काल 100 नंबर पर कॉल किया। इसके बाद रात ही पुलिस व एसडीआरएफ की टीम हनुमान दास की ढूंढ-खोज में जुट गई।
सारी रात हाथ-पैर मारने के बाद आखिरकार टीम में शामिल पुलिस के 12 और एसडीआरएफ के पांच जवानों ने सुबह हनुमान दास को खोज निकालने में सफलता पाई। पुलिस ने बताया कि वह मंडल गांव के पास जड़ी-बूटी शोध और विकास संस्थान के समीप जंगल में भटक गया था।
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उमा भारती ने बालखिला नदी के किनारे किया तप
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने चमोली कस्बे के निकट बालखिला नदी के तट पर तप किया। इसके बाद उमा भारती ने बदरीनाथ धाम पहुंचकर भगवान बदरी विशाल के दर्शन किए। इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि धार्मिक दृष्टि से उत्तराखंड का पूरे विश्व में महत्व है। यहां तप करने के बाद उन्हें शांति और सुख की अनुभूति होती है। उन्होंने विष्णुप्रयाग व हनुमानचट्टी में भी पूजा-अर्चना की।
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