कोरोनारोधी टीकाकरण को लेकर बढ़ रही चुनौती, शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन को 40 दिन में लगानी होगी 32.92 लाख खुराक
टीकाकरण को लेकर चुनौती बढ़ती जा रही है। दिसंबर तक शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए 40 दिन में 32.92 लाख खुराक लगानी होगी। यदि इस अवधि में ये खुराक नहीं लगी तो समय पर टीकाकरण का लक्ष्य हासिल नहीं होगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में कोरोनारोधी टीकाकरण को लेकर चुनौती बढ़ती जा रही है। दिसंबर तक शत प्रतिशत टीकाकरण के लिए 40 दिन में 32.92 लाख खुराक लगानी होगी। यदि इस अवधि में ये खुराक नहीं लगी तो समय पर टीकाकरण का लक्ष्य हासिल नहीं होगा।
एसडीसी फाउंडेशन की ओर से सोमवार को कोविड-टीकाकरण पर रिपोर्ट जारी की है। जिसके अनुसार राज्य टीकाकरण में लगातार लक्ष्य से पिछड़ रहा है। फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल ने बताया कि 31 दिसंबर तक राज्य में टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए अब प्रतिदिन 82,318 खुराक देनी होंगी। जबकि 10 दिन पहले प्रतिदिन का लक्ष्य 75,014 था। उन्होंने कहा कि समय के साथ यह लक्ष्य बढ़ रहा है, जो चिंता की बात है। उन्होंने कहा कि पिछले 10 दिन में राज्य में वैक्सीन की केवल 4,57,968 खुराक दी गई। उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक कुल 1,21,66,193 खुराक दी जा चुकी हैं।
कुल 77 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण लक्ष्य
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार राज्य में कोविड वैक्सीन की जरूरत वाले 18 से 44 वर्ष के व्यक्तियों की कुल संख्या 49,34,219 और 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों की संख्या 27,95,247 है। यानी कुल 77,29,466 व्यक्तियों का टीकाकरण किया जाना है। हर व्यक्ति को दो खुराक के हिसाब में राज्य में वैक्सीन की कुल 1,54,58,932 खुराक दी जानी हैं। वर्तमान स्थिति के हिसाब से टीकाकरण में तेजी लाने की आवश्यकता है।
निजी चिकित्सक छिपा रहे टीबी के मरीज
टीबी के खात्मे को एक-एक मरीज पर नजर रखी जानी है। पर, कई निजी चिकित्सक टीबी के मरीजों की जानकारी तक छिपा रहे हैं। ये स्वास्थ्य विभाग को मरीजों का ब्योरा नहीं दे रहे हैं। ऐसे में अब विभाग इन पर सख्ती करने जा रहा है। मरीज की जानकारी न देने वाले चिकित्सकों को विभाग ने कार्रवाई की चेतावनी दी है।
टीबी मुक्त भारत के लिए बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। इसमें प्रत्येक टीबी के मरीज का नोटिफिकेशन (ब्योरा दर्ज कराना) किया जाना है। टीबी के मरीजों के लिए निक्षय पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल में मरीज का ब्योरा दर्ज होने के बाद दवाएं लेने और मरीज की स्थिति की जानकारी दर्ज की जाएगी। पर निजी चिकित्सक इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं।
जिला क्षयरोग अधिकारी डा. मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि जिले में 154 चिकित्सक निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत हैं। पर केवल 16 ही चिकित्सक पोर्टल पर जानकारी डाल रहे हैं। यह पूरी तरह से सरकारी आदेश की अवहेलना है। यह जरूरी है कि निजी चिकित्सक, चिकित्सालय व लैब क्षय रोगियों की जानकारी समय पर दें। ऐसा न करने पर कार्रवाई का भी प्रविधान है।
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