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पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचन में फर्जी दस्तावेजों के प्रयोग की शिकायत को देखते हुए पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की तैयारी है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 09:30 PM (IST)Updated: Tue, 03 Dec 2019 09:30 PM (IST)
पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच
पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच

राज्य ब्यूरो, देहरादून: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के निर्वाचन में फर्जी दस्तावेजों के प्रयोग की शिकायत को देखते हुए पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच की तैयारी है। फर्जी दस्तावेजों को लेकर मिली दो दर्जन शिकायतों के मद्देनजर शासन इस पर गंभीरता से मंथन में जुटा है। शैक्षिक प्रमाणपत्रों के बारे में शिक्षा विभाग से पूर्ण जानकारी ली जाएगी और फिर इसके आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

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राज्य सरकार ने इस वर्ष पंचायतीराज एक्ट में पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन के लिए शैक्षिक योग्यता के प्रविधान को शामिल किया है। हरिद्वार को छोड़ शेष 12 जिलों में हाल में इसी के अनुरूप त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए। अब पंचायत प्रतिनिधियों के निर्वाचन में फर्जी दस्तावेजों के प्रयोग की शिकायतें शासन को लगातार मिल रही हैं। अब तक दो दर्जन से ज्यादा शिकायतें मिल चुकी हैं।

हालांकि, इनका परीक्षण भी कराया जा रहा है, मगर शासन इस मसले का स्थायी समाधान चाहता है। इसे देखते हुए शासन में गहनता से मंथन चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक पंचायत प्रतिनिधियों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों की जांच शिक्षा विभाग से कराने पर जोर दिया जा रहा है। इससे जहां शैक्षिक स्थिति को लेकर सही तस्वीर सामने आएगी, वहीं शिकायतों पर भी अंकुश लग सकेगा। साथ ही चुनावी प्रतिद्वंद्विता के कारण शिकायत करने वालों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। सभी पहलुओं पर मंथन के बाद जल्द ही इस संबंध में आदेश जारी किए जाएंगे।


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