Move to Jagran APP

उत्तराखंड: श्रीदेव सुमन विवि के वीसी के प्रमाणपत्रों की होगी जांच, उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

कुलपति डा पीपी ध्यानी के चयन और शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव प्रमाणपत्रों की जांच होगी। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं। उन्होंने जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 12:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 12:13 PM (IST)
उत्तराखंड: श्रीदेव सुमन विवि के वीसी के प्रमाणपत्रों की होगी जांच, उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश
उत्तराखंड: श्रीदेव सुमन विवि के वीसी के प्रमाणपत्रों की होगी जांच, उच्च शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीपी ध्यानी के चयन और शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव प्रमाणपत्रों की जांच होगी। उच्च शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने इस संबंध में अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं। उन्होंने जांच रिपोर्ट भी प्रस्तुत करने को कहा है।

loksabha election banner

राज्य विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की योग्यता के मामले में हाईकोर्ट भी सख्त रुख अपना चुका है। इससे सरकार को भी किरकिरी उठानी पड़ रही है। एक और कुलपति के प्रमाणपत्रों का मामला गर्मा गया है। आर्यन छात्र संगठन के मुख्य प्रदेश प्रवक्ता शक्ति सिंह बत्र्वाल ने उच्च शिक्षा मंत्री डा रावत को ज्ञापन सौंपा था। ज्ञापन में उन्होंने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति के चयन, शैक्षणिक व प्रशासनिक अनुभव और वेतन संबंधी प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए हैं। सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कुलपति के प्रमाणपत्र यूजीसी के नियमों के विपरीत हैं।

ज्ञापन में कुलपति के प्रोफेसर पद पर 10 वर्ष के अनुभव व वेतनमान पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि डा ध्यानी को 10 हजार ग्रेड वेतन 2016 से प्राप्त हुआ है। उच्च शिक्षा मंत्री डा रावत ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस प्रकरण की विभागीय जांच करने और जांच रिपोर्ट से उन्हें भी अवगत कराने के निर्देश दिए हैं।

भूमि मामले में डीएम नैनीताल को दिए गए जांच के निर्देश

नैनीताल जिले के एक गांव में समुदाय विशेष की ओर से अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि खरीद की शिकायत पर शासन ने जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं। भाजपा नेता अजेंद्र अजय ने इस संबंध में सरकार से शिकायत की थी। शिकायत में कहा गया कि नैनीताल जिले की तहसील धारी के ग्राम सरना में अनुसूचित जाति के व्यक्तियों की भूमि बाहरी क्षेत्रों से आए व्यक्तियों ने षडयंत्रपूर्वक ली है।

इससे भूमि विक्रेताओं के परिवार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। भूमि को सह खातेदारों की सहमति के बगैर बेचा गया है। सह खातेदारों ने इस पर आपत्ति भी दर्ज की है। राजस्व अपर सचिव डा आनंद श्रीवास्तव ने नैनीताल के जिलाधिकारी को इस प्रकरण का परीक्षण कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

यह भी पढ़ें- NCC Day: सीएम धामी को याद आया बचपन, बोले- मैं भी रहा हूं एनसीसी का हिस्सा; सैनिकों के बीच हुआ बड़ा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.