केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक बोले, समय के साथ शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आइआइटी रुड़की भारत का गर्व है। यह एशिया का सबसे पुराना प्रौद्योगिकी संस्थान है। शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान ने उच्च मानदंड स्थापित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया कार्यक्रम में संस्थान अहम योगदान दे रहा है।
रुड़की, जेएनएन। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) रुड़की में मंगलवार शाम को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लेक्चर हॉल कॉम्प्लेक्स (एलएचसी), सेंट्रलाइज्ड हीटिंग, वेंटिलेशन, एयर कंडीनिंग प्लांट (एचवीएसी) और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का वर्चुअल उद्घाटन किया।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि आइआइटी रुड़की भारत का गर्व है। यह एशिया का सबसे पुराना प्रौद्योगिकी संस्थान है। शिक्षा के क्षेत्र में संस्थान ने उच्च मानदंड स्थापित किए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के न्यू इंडिया कार्यक्रम में संस्थान अहम योगदान दे रहा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ शिक्षा प्रणाली में बदलाव की जरूरत है। कोरोना संक्रमणकाल ने यह समझा दिया है कि आवश्यकता आविष्कार की जननी है। मंगलवार को वर्चुअल माध्यम से पढ़ाई के साथ-साथ बड़े-बड़े सेमिनार हो रहे हैं। इसलिए चुनौतियों का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहना चाहिए। शिक्षा नीति-2020 ने देश के युवाओं के बौद्धिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।
इससे भारत को विकसित, डिजिटल और आत्मनिर्भर देश बनने का मार्ग प्रशस्त होगा। इस मौके पर केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि तीनों प्रोजेक्ट संस्थान के लिए बेहद सराहनीय हैं। बताते चलें कि एलएचसी का निर्माण 2016 में शुरू हुआ था। इसकी लागत लगभग 80.25 करोड़ रुपये है। 4400 व्यक्तियों की क्षमता वाले इस हॉल में सात कक्षाओं में प्रत्येक में 250 व्यक्तियों के बैठने की जगह है।
यह भी पढ़ें: उत्तराखंड: सीएससी के स्पष्टीकरण के बाद ही शिक्षक भर्ती पर होगा फैसला, पढ़िए पूरी खबर
11 कक्षाओं में 150-150 लोग बैठ सकते हैं। 24 अन्य कक्षाओं में 24-24 व्यक्तियों के बैठने की जगह है। इस मौके पर आइआइटी के निदेशक प्रो. अजीत कुमार चतुर्वेदी ने कहा कि संस्थान की ओर से पूरा प्रयास रहेगा कि वह शिक्षा के क्षेत्र में उच्च मानदंड स्थापित करें। इस मौके पर उप निदेशक प्रो. मनोरंजन परीदा आदि मौजूद रहे।यह भी पढ़ें: तीन माह जिला अस्पतालों में ड्यूटी करेंगे पीजी छात्र, तभी बैठने दिया जाएगा अंतिम वर्ष की परीक्षा में