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गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर भाजपा मुख्यालय पर मना जश्न

भाजपा प्रदेश कार्यालय में आतिशबाजी मिष्ठान वितरण ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया गया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 04:05 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 04:05 PM (IST)
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर भाजपा मुख्यालय पर मना जश्न
गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर भाजपा मुख्यालय पर मना जश्न

देहरादून, जेएनएन। भाजपा प्रदेश कार्यालय में आतिशबाजी, मिष्ठान वितरण, ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया गया। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का आभार जताया।

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गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने गैरसैंण के ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किए जाने पर जमकर जश्न मनाया। प्रदेश उपाध्यक्ष देवेंद्र भसीन, प्रदेश महामंत्री कुलदीप कुमार, प्रदेश कार्यालय सचिव कौस्तुभानंद जोशी, मंत्री मधु भट्ट, आदित्य चौहान, महापौर सुनील उनियाल गामा, 20 सूत्री कार्यक्रम के उपाध्यक्ष नरेश बंसल, दायित्व धारी विश्वास डाबर, रविंद्र कटारिया, ब्रज भूषण गैरोला, खेम पाल सिंह, शादाब शम्स, कैलाश पंत आदि ने इसे ऐतिहासिक निर्णय बताया।

उत्तराखंड के इतिहास में अमर हुआ चार मार्च

पत्रकारों से वार्ता करते हुए प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र भसीन ने कहा कि चार मार्च 2020 उत्तराखंड के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री ने भाजपा के 2017  के विधानसभा चुनाव में जारी दृष्टि पत्र में किए वायदे को पूरा करते हुए गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित कर दिया। भाजपा की उत्तराखंड के प्रति निष्ठा हमेशा रही है। भाजपा उत्तराखंड और यहां की जनता की भावना के अनुरूप ही कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री का जताया आभार

बद्री-केदार सहयोग समिति के तत्वावधान में बालावाला में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने पर उनका आभार जताया गया। समिति के सदस्यों ने कहा कि गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी की घोषणा शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि है। वरिष्ठ आंदोलनकारी सुशीला बलूनी ने कहा कि किस प्रकार पहाड़ी राज्य व राजधानी के लिए मातृशक्ति ने सड़कों पर आंदोलन किया था। सरकार का कदम स्वागत योग्य है। राज्य आंदोलन के संस्थापक सदस्य स्वामी दर्शन भारती ने त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस निर्णय को ऐतिहासिक व साहसिक निर्णय करार दिया। बद्री-केदार सहयोग समिति के अध्यक्ष राजपाल सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने पर्वतीय राज्य के विकास के प्रति अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति का परिचय दिया।

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आंदोलनकारियों को किया सम्मानित

बद्री-केदार सहयोग समिति की ओर से आंदोलनकारी एमएन बंदूनी की पत्नी विद्या बंदूनी, लीला राणा, गोविंद सती, मधु सेमवाल, रोशन लाल थपलियाल, अजय पाल सिंह रावत, सुमित्रा जोशी, दरबान सिंह कोटवाल, इंदु धस्माना, यशोदा बंदूनी, गीता रावत, रूपा रावत, राधा रावत, सुशीला पवार, सुमित्रा बंदूनी, लक्ष्मी बंदूनी, सुशीला बहुगुणा, सतेस्वरी बहुगुणा, हेमंती परमार, दीपा नौटियाल, सतेस्वरी कोटनाला, बसंती वोखंडी, संगीता रनोला, सुधा लखेड़ा, गोपाल दत्त थपलियाल, पीसी थपलियाल, शुभम सिंह, नेगी चंद्र सिंह रावत, डीपी सेमवाल, दीर्घपाल सिंह नेगी, विकास ममगाईं आदि को सम्मानित भी किया गया।

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