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दो साल से जेलों में नहीं लग पाए सीसीटीवी कैमरे

उत्‍तराखंड में तीन वर्ष पूर्व मिली स्वीकृति और दो वर्ष पहले बजट जारी होने के बावजूद जेल प्रशासन कैदियों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे नहीं खरीद पाए हैं।

By Edited By: Published: Wed, 11 Jul 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 05:14 PM (IST)
दो साल से जेलों में नहीं लग पाए सीसीटीवी कैमरे
दो साल से जेलों में नहीं लग पाए सीसीटीवी कैमरे

देहरादून, [विकास गुसाई]: प्रदेश की जेलों में सुरक्षा के तमाम दावों के बीच अभी तक जेलें सुरक्षित नहीं हो पाई है। आलम यह है तीन वर्ष पूर्व मिली स्वीकृति और दो वर्ष पहले बजट जारी होने के बावजूद जेल प्रशासन कैदियों पर नजर रखने के लिए सीसी कैमरे नहीं खरीद पाया है। इससे जेलों में सुरक्षा को लेकर जेल प्रशासन की गंभीरता पर सवालिया निशान भी लग रहे हैं। 

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उत्तराखंड में 11 जेल और दो उप जेल हैं। इन जेलों में उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों के गंभीर श्रेणी के अपराधी कैद हैं। जेलों की सुरक्षा हमेशा से ही सवालों के घेरे में रही है। इस तरह के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें इस बात की पुष्टि हुई है कि अपराधी जेलों के भीतर से ही अपना नेटवर्क संचालित करते हैं। रुड़की जेल के बाहर दो गुटों के बीच गोलीबारी की घटना में भी जेल प्रशासन की लापरवाही सामने आई थी। इसके कुछ समय बाद सुनील राठी का खास अमित भूरा की फरारी के बाद भी जेलों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे थे। जांच में भी यह बात सामने आई कि फरारी की योजना जेल में ही बैठकर बनाई गई थी।

इसके बाद जेल प्रशासन को प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों से हटा कर पुलिस अधिकारियों को सौंपा गया। बावजूद इसके व्यवस्था में बहुत अधिक सुधार होता नजर नहीं आ रहा है। आलम यह है कि तकरीबन जेलों को सुरक्षित बनाने के लिए तकरीबन तीन वर्ष पूर्व सीसी कैमरे खरीदे जाने का निर्णय लिया गया। दो वर्ष पूर्व इसके लिए कंटीजेंसी मद से दो करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते दो बार यह पैसा लैप्स हो चुका है। इससे विभागीय कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। एक बार फिर विभाग की ओर से इसकी प्रक्रिया शुरू करने का दावा किया जा रहा है।

प्रमुख सचिव गृह आनंद व‌र्द्धन का कहना है कि सीसी कैमरों की खरीद के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है। प्रदेश में बढ़ाई गई जेलों की निगरानी देहरादून: बागपत जेल में कुख्यात मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद प्रदेश में भी जेलों की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। गृह विभाग ने आइजी जेल के साथ ही सभी जिलाधिकारियों को जेलों की सुरक्षा और निगरानी बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं। प्रमुख सचिव गृह की ओर से इस संबंध में सभी को आदेश जारी कर दिए गए हैं। प्रमुख सचिव गृह आनंद व‌र्द्धन ने बताया कि जेलों की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ई-प्रीजन सिस्टम को लागू किया जा रहा है। इसके अलावा जेल में आने वाले लोगों का भी रिकार्ड रखा जा रहा है।

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