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बीसीसीआइ में भी चर्चा में आया सीएयू, पेमेंट मामले में लिया संज्ञान

क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) की बीसीसीआइ में भी चर्चा है। यह चर्चा खेल के प्रदर्शन को लेकर नहीं बल्कि वेंडरों के भुगतान न करने को लेकर है।

By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 01:00 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 01:00 PM (IST)
बीसीसीआइ में भी चर्चा में आया सीएयू, पेमेंट मामले में लिया संज्ञान
बीसीसीआइ में भी चर्चा में आया सीएयू, पेमेंट मामले में लिया संज्ञान

देहरादून, निशांत चौधरी। क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड (सीएयू) की बीसीसीआइ में भी चर्चा है। यह चर्चा खेल के प्रदर्शन को लेकर नहीं बल्कि वेंडरों के भुगतान न करने को लेकर है। 

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उत्तराखंड क्रिकेट के घरेलू सत्र 2019-20 में खेल व खिलाड़ियों के लिए सुविधाएं जुटाने वाले वेंडरो का सीएयू ने अभी तक भुगतान नहीं किया है। वहीं, बीसीसीआइ ने सीएयू को सालाना मिलने वाली धनराशि की किश्त पांच करोड़ रुपये भी दे दी है। वेंडरों ने सीएयू से उनका भुगतान देने की मांग की। 

जब सीएयू ने उनकी मांग को अनसुना कर भुगतान नहीं किया तो उन्होंने इसकी शिकायत बीसीसीआइ से कर दी। शिकायत का संज्ञान लेकर बीसीसीआइ ने सीएयू को वेंडरों का भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। भुगतान नहीं होने का कारण भी सीएयू में चल रही अंदरूनी कलह को ही माना जा रहा है। अब सीएयू अध्यक्ष जोत सिंह गुनसोला ने कहा है कि जल्द वेंडरों समेत अन्य पेमेंट कर दी जाएगी।

सोसाइटी एक्ट में पंजीकरण करना जरूरी 

उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि हर जिला इकाई को सोसाइटी एक्ट में पंजीकरण कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर उसकी संबद्धता खत्म कर दी जाएगी। अब लॉकडाउन के बाद सभी जिला इकाइयों को खुद को सोसाइटी एक्ट में पंजीकृत अनिवार्य है।

लॉकडाउन को देखते हुए उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिला संघों के साथ स्पेशल जनरल काउंसिल मीटिंग की। एसोसिएशन ने मीटिंग में सभी जिला संघों को स्पष्ट निर्देश दिए कि अगर जिला इकाइयों ने सोसाइटी एक्ट में पंजीकरण नही कराया तो उनकी संबद्धता खतरे में पड़ सकती है। 

साथ ही हर जिले के एथलीटों को एसोसिएशन में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। अब सभी जिला इकाइयों को डिस्ट्रिक्ट को अंडर-14, 16, 18, 20 व ओपन कैटेगरी की एक या दो जिला प्रतियोगिता व क्रास कंट्री आयोजित करनी होगी। इन सभी प्रतियोगिताओं की  देखरेख उत्तराखंड एथलेटिक्स एसोसिएशन स्वयं करेगा। 

नई तकनीक से दक्ष होंगे कोच

हर क्षेत्र के विशेषज्ञों को बदलते दौर में नई तकनीकों से दक्ष होना जरूरी है। यह नियम खेलों पर भी लागू होता है। क्योंकि खेलों का स्वरूप बदल रहा है। जब अब कोच की भूमिका में हो तो नई तकनीक से अपग्रेड होना आपके लिए बेहद जरूरी हो जाता है। इसी के मद्देनजर एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया प्री लेवल वन कोर्स का आयोजन कर रहा है।

ऑनलाइन होने वाले इस कोर्स में एथलेटिक्स प्रशिक्षकों को नवनीतम तकनीक की जानकारी दी जाएगी। इस ऑनलाइन कोर्स में प्रत्येक जिले से 15 प्रशिक्षक शामिल होंगे। इस कोर्स के बाद प्रदेश में नई तकनीक से दक्ष प्रशिक्षिकों की संख्या बढ़ जाएगी। यह प्रशिक्षक खिलाड़ियों का नई तकनीकों के बारे में बेहतर तरीके से बता पाएंगे। जिससे खिलाडिय़ों के खेल में सुधार होगा। फेडरेशन की पहल सराहनीय है, लेकिन यह प्रशिक्षण शिविर समय-समय पर आयोजित किए जाने जरूरी हैं। तभी इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। 

खेल विभाग की सार्थक पहल सराहनीय 

कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए खेल व युवा कल्याण विभाग ने अच्छी पहल की है। विभाग एक लाख पच्चीस हजार स्वयंसेवक तैयार कर रहा है। यह स्वयं सेवक लॉकडाउन में व्यवस्था बनाने में पुलिस व प्रशासन का सहयोग करेंगे। खेल व युवा कल्याण मंत्री अरविंद पांडे ने स्वयंसेवकों को तैयार करने के लिए विभाग को निर्देश दिए थे। जिसके बाद विभाग ने खेल, युवा कल्याण, पीआरडी, एनएसएस, युवक मंगल दल, महिला मंगल दल, नेहरू युवा केंद्र व इनसे जुड़ी सामाजिक संस्थाओं से स्वयंसेवकों की सूची तैयार की। 

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इन स्वयंसेवकों को बताया जाएगा कि उन्हें कोरोना महामारी रोकथाम में पुलिस व प्रशासन का कैसे सहयोग करना है। इस विकट समय में अगर इस तरह की मदद प्रशासन को मिलती है तो यह उनके काम में सहायक होगी। इसलिए अन्य विभागों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। ताकि इस परिस्थिति में सभी के सहयोग से कोरोना को हराया जा सकें।

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