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बिना टेंडर के कर दिया 1.59 करोड़ का नकद भुगतान, जानकारी देने से कतरा रहे रेंज अधिकारी

रसियाबड़ रेंज में बिना टेंडर व कोटेशन के 1.59 करोड़ रुपये के कार्यों का नकद भुगतान कर दिया गया उसके बारे में रेंज अधिकारी आरटीआइ में भी जानकारी देने से कतरा रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 12:13 PM (IST)
बिना टेंडर के कर दिया 1.59 करोड़ का नकद भुगतान, जानकारी देने से कतरा रहे रेंज अधिकारी
बिना टेंडर के कर दिया 1.59 करोड़ का नकद भुगतान, जानकारी देने से कतरा रहे रेंज अधिकारी

देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार वन प्रभाग की जिस रसियाबड़ रेंज में बिना टेंडर व कोटेशन के 1.59 करोड़ रुपये के कार्यों का नकद भुगतान कर दिया गया, उसके बारे में रेंज अधिकारी आरटीआइ में भी जानकारी देने से कतरा रहे हैं। जिस डिप्टी रेंजर के कार्यकाल में यह खेल किया गया, वह अब भी उसी रेंज में लोक सूचनाधिकारी की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। सूचना आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए डिप्टी रेंजर प्रदीप उनियाल पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसकी वसूली उनके मार्च से लेकर मई माह तक के वेतन से अलग-अलग किश्तों में की जाएगी।

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आरटीआइ क्लब के सदस्य विनोद कुमार जैन ने हरिद्वार वन प्रभाग के उप वन संरक्षक कार्यालय से वर्ष 2015-16 व 2017-18 के बीच रसियाबड़ रेंज में विभिन्न कार्यों के लिए लगाए गए श्रमिकों, कार्मिकों की फील्ड डायरी, गश्त के दौरान भोजन संबंधी व्यय आदि की जानकारी मांगी थी।

यहां से सूचना का अनुरोध पत्र रसियाबड़ रेंज को अंतरित कर दिया गया। तय समय के भीतर सूचना न मिलने और विभागीय अपीलीय अधिकारी/उप वन संरक्षक स्तर से अपील का निस्तारण न किए जाने पर विनोद जैन ने सूचना आयोग में अपील की। अपील का निस्तारण न करने पर उप वन संरक्षक ने आयोग के समक्ष खेद जताया, मगर लोक सूचनाधिकारी/डिप्टी रेंजर बार-बार कहने के बाद भी आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए। लिहाजा, मुख्य सूचना आयुक्त शत्रुघ्न सिंह ने उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की। उप वन संरक्षक को ही निश्शुल्क सूचना उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही इस तरह के रवैये के लिए डिप्टी रेंजर के खिलाफ समुचित कार्रवाई अमल में लाने के आदेश भी दिए गए हैं।

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नकद भुगतान 2015 में कर दिया गया था बंद

वन एवं पर्यावरण अनुभाग-दो के 15 मई 2015 में जारी आदेश के मुताबिक विभाग में नकद भुगतान पर रोक लग गई थी। शासनादेश में स्पष्ट किया गया था कि वन क्षेत्राधिकारी राष्ट्रीयकृत बैंकों में खाता खोलकर धनराशि का वितरण बैंक ट्रांसफर या चेक के माध्यम से करेंगे। 

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रसियाबड़ रेंज में बिना टेंडर व कोटेशन के 1.59 करोड़ रुपये के कार्यों का नकद भुगतान कर दिया गया, उसके बारे में रेंज अधिकारी आरटीआइ में भी जानकारी देने से कतरा रहे हैं।


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