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किशोरी के उत्पीड़न में प्रधानाचार्य पर मुकदमे के आदेश, जानिए पूरा मामला

किशोरी के उत्पीड़न मामले में देहरादून पुलिस को आरोपित केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 08 Jan 2019 08:54 PM (IST)Updated: Tue, 08 Jan 2019 09:14 PM (IST)
किशोरी के उत्पीड़न में प्रधानाचार्य पर मुकदमे के आदेश, जानिए पूरा मामला
किशोरी के उत्पीड़न में प्रधानाचार्य पर मुकदमे के आदेश, जानिए पूरा मामला

देहरादून, जेएनएन। जोशीमठ की किशोरी के उत्पीड़न मामले को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है। डीजी अपराध और कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने पूरे मामले में देहरादून पुलिस को आरोपित केंद्रीय विद्यालय ओएनजीसी की प्रधानाचार्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही जीरो एफआइआर दर्ज न करने पर चमोली पुलिस से जवाब तलब किया है। बाल आयोग के पत्र पर पुलिस मुख्यालय ने यह कार्रवाई की है।

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जोशीमठ की रहने वाली किशोरी के पिता ने बाल आयोग से शिकायत की थी कि उनकी बेटी का ओएनजीसी की प्रधानाचार्य अंशुम शर्मा ने डेढ़ साल तक बात-बात पर उत्पीड़न किया। उन्होंने बेटी के साथ मारपीट और कई गंभीर आरोप भी लगाए। इस मामले में पीड़ित किशोरी ने भी आठ पन्नों का आपबीती शिकायती पत्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग को भेजा था। इस पत्र पर आयोग ने चमोली पुलिस को जांच के आदेश दिए थे। 

आयोग के पत्र के बाद जोशीमठ पुलिस ने पीड़ित किशोरी के बयान दर्ज करते हुए रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में किशोरी के साथ उत्पीड़न की पुष्टि की गई थी। लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। किशोरी के परिजनों को कहा गया कि मामला देहरादून का है। ऐसे में मुकदमा भी वहीं होगा। इस पर बाल आयोग ने गत दिवस डीजी अशोक कुमार को पत्र लिखा था। 

डीजी ने आयोग के पत्र को गंभीरता से लेते हुए चमोली की एसपी से जीरो एफआइआर दर्ज न करने पर स्पष्टीकरण मांगा है। जबकि देहरादून पुलिस को मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही प्रकरण पर विस्तृत रिपोर्ट भी तलब की है। डीजी ने कहा कि इस मामले में चमोली पुलिस की भी लापरवाही सामने आई है। इसलिए वहां से जवाब न मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी। 

क्या था पूरा मामला 

जोशीमठ की रहने वाली पीडि़ता 2017 में केवि ओएनजीसी की प्रधानाचार्य अंशुम शर्मा के साथ दून आई थी। बताया गया कि प्रधानाचार्य ने किशोरी की पढ़ाई और पालन पोषण की बात परिजनों से कही थी। लेकिन न तो किशोरी का दाखिला कराया और न ही घर पर पढ़ाया। आरोप है कि किशोरी को घर में नौकर की तरह रखा गया। इस दौरान मारपीट की और चरित्र पर भी उंगलियां उठाई गई। परेशान होकर किशोरी ने आत्महत्या का प्रयास भी किया। 

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