फर्जी तरीके से लिया कार लोन, पांच के खिलाफ मुकदमा दर्ज
पुलिस ने फर्जी तरीके से कार लोन लेने वाले पांच लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
देहरादून, जेएनएन। कार लोन के नाम पर पांच लोगों ने आंध्रा बैंक से लोन लिया। मगर कई महीने गुजर जाने के बाद ऋणधारकों ने वाहन के कागजात जमा नहीं कराए तो बैंक ने पड़ताल शुरू की। इस पर इन लोगों ने बैंक में गाड़ियों का फर्जी रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र और अन्य कागजात जमा करा दिए। मामले में पांचों के खिलाफ कोतवाली में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कोतवाली पुलिस के अनुसार मुकदमा आंध्रा बैंक राजपुर रोड की शाखा प्रबंधक रीता कांति ने दर्ज कराया है। उनका आरोप है कि वर्ष 2014 में विजय कुमार और उसकी पत्नी रेणुका निवासी 36 प्रकाश लोक शिमला बाईपास रोड, दीपक कुमार अग्रवाल पुत्र गोपाल अग्रवाल निवासी 127 नारायण विहार टीएचडीसी कॉलोनी, रहमान जिया पुत्र फुरकान अहमद निवासी मकान नंबर सी-2 चमन विहार निकट आइटीआइ कॉलेज निरंजनपुर और सचिन कुमार पुत्र विजयपाल निवासी खुड़बुड़ा ने कार लोन के लिए आवेदन किया।
ऋण जारी कर दिए जाने के बाद जब इन लोगों से औपचारिकताएं पूरी करने को कहा गया तो टालमटोल करने लगे। इस बीच इन लोगों ने कुछ दस्तावेज जमा करा दिए। बाद में जांच में पता चला कि इन लोगों ने वाहन खरीदे ही नहीं। ऋण की रकम का कहीं और प्रयोग कर लिया गया। जांच में गारंटर और कार डीलर के दस्तावेजों के फर्जी पाए जाने से यह भी संभावना है कि उन लोगों की भी इसमें मिलीभगत हो। एसएसआइ अशोक राठौड़ ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
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