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ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष समेत 38 पर मुकदमा

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट समेत संयुक्त ट्रेड यूनियन के 38 सदस्यों के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 08:43 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 06:17 AM (IST)
ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष समेत 38 पर मुकदमा
ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष समेत 38 पर मुकदमा

जागरण संवाददाता, देहरादून: इंटक के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट समेत संयुक्त ट्रेड यूनियन के 38 सदस्यों के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। इन सभी पर गांधी रोड स्थित दीनदयाल पार्क के बाहर बिना अनुमति प्रदर्शन करने का आरोप है। पुलिस के अनुसार, प्रदर्शन के दौरान शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन किया गया।

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रविवार को संयुक्त ट्रेड यूनियन के बैनर तले हीरा सिंह बिष्ट व अन्य पार्क के बाहर धरने पर बैठ गए। जानकारी मिलने पर शहर कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और प्रदर्शनकारियों से अनुमति-पत्र दिखाने को कहा। एसएसआइ जितेंद्र चौहान ने बताया कि वह अनुमति-पत्र नहीं दिखा पाए। जब उनसे कोरोना संक्रमण के दृष्टिगत बिना अनुमति के प्रदर्शन न करने को कहा गया तो वह नहीं माने और दोपहर डेढ़ बजे तक नारेबाजी करते रहे।

पुलिस ने बताया कि इस मामले में इंटक के प्रदेश अध्यक्ष समेत महामंत्री सीटू लेखराज, प्रातीय अध्यक्ष आशा स्वास्थ्य कार्यकत्री यूनियन शिवा दुबे, महासचिव एटक अशोक वर्मा, सुरेंद्र सिंह सजवाण, राजेंद्र पुरोहित, समर भंडारी, जगदीश हिमवाल समेत कुल 38 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

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हर साल दो करोड़ लोग हो रहे बेरोजगार

- रक्षा संस्थानों के निजीकरण के विरोध में बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल

- केंद्र सरकार की ओर से 44 श्रम कानूनों को निरस्त करने का भी किया गया विरोध

जागरण संवाददाता, देहरादून: संयुक्त ट्रेड यूनियन संघर्ष समिति ने निजीकरण और 44 श्रम कानूनों को निरस्त करने का विरोध किया। आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की नीतियों की वजह से ही देश में हर साल दो करोड़ से अधिक लोग बेरोजगार हो रहे हैं। इस दौरान संघर्ष समिति ने रक्षा संस्थानों के निजीकरण के विरोध में बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू करने की घोषणा की।

इंटक के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि नौ अगस्त को ही महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन का आह्वान किया था। उसी तर्ज पर ट्रेड यूनियन ने भी किसानों, श्रमिकों व बेरोजगारों के हित में आंदोलन शुरू किया है। श्रम कानूनों को निरस्त कर केंद्र सरकार ने श्रमिक जगत में काला अध्याय जोड़ दिया है। यूनियनों की मांग है कि सरकार निजीकरण को रोक कर कर्मचारियों के हितों की रक्षा करे। प्रदर्शन में डीजल-पेट्रोल की बढ़ती कीमतों पर नाराजगी जताई गई। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व भोजनमाताओं के मानदेय की बढ़ोत्तरी की भी मांग की गई। इस दौरान प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी प्रशासन को सौंपा गया।

प्रदर्शन में सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज, प्रांतीय महामंत्री एटक अशोक शर्मा, संयोजक एक्टू केपी चंदोला, उत्तराखंड किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण व अन्य शामिल हुए।


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