प्रत्याशियों की किस्मत मतपेटियों में बंद, अब जीत के दावे
मतदान के बाद अब प्रत्याशियों की भाग्य मतपेटियों में बंद हो गया है। मतदान किसके पक्ष में हुआ ये नतीजे आने पर ही पता चल पाएगा।
विकास गुसाईं, देहरादून। प्रदेश के 84 नगर निकायों के लिए मतदान संपन्न होने के साथ ही सभी प्रत्याशियों का भाग्य मतपेटियों में बंद हो गया। मतदान किस के पक्ष में हुआ और किसके खिलाफ, यह तो अब मंगलवार को नतीजे आने के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन भारी मतदान को सभी दल और प्रत्याशी अपने पक्ष में मान कर चल रहे हैं।
रविवार को नगर निकाय चुनाव के लिए प्रदेश भर में जम कर मतदान हुआ। उम्मीद से कहीं अधिक मतदाता घर से बाहर निकले और अपने मत का उपयोग किया। शहरी निकायों के चुनाव होने के चलते स्थानीय मुद्दे इन चुनावों पर हावी रहे ही, इस बार राष्ट्रीय मुद्दों पर भी वोट मांगे गए। सत्तारूढ़ भाजपा ने इन चुनावों में भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस नीति के मुताबिक उठाए गए कदम, प्रदेश सरकार की दो साल की उपलब्धियों के साथ ही केंद्र की उपलब्धियों व जनकल्याणकारी योजनाओं के नाम पर जनता से वोट मांगे।
वहीं, कांग्रेस ने रसोई गैस के बढ़ते दामों के साथ ही महंगाई, जीएसटी, नोटबंदी पर केंद्र के खिलाफ और प्रदेश सरकार के कार्यकाल में विकास कार्यो के ठप होने का आरोप लगाते हुए अपने पक्ष में मतदान करने की अपील की। उधर, अन्य दल व निर्दलीय बदलाव के नाम पर जनता के बीच गए हैं। इन तमाम वादों और मुद्दों का जनता के बीच जो भी असर हुआ, जनता उसे अपने वोट के रूप में जाहिर कर मतपेटी में डाल चुकी है। जनता अपना विश्वास किस पर जताया, यह जल्द ही पता चल जाएगा लेकिन भारी मतदान को अपने पक्ष में बताते हुए जीत के दावों का दौर जरूर शुरू हो गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट ने शांति पूर्ण मतदान के लिए मतदाताओं का आभार प्रकट किया और कहा कि परिणाम मतपेटी में बंद हो चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि अभी तक प्राप्त रुझानों से इस बात के स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि चुनावों में भाजपा को शानदार विजय मिलेगी। जनता ने एक बार फिर भाजपा पर विश्वास जताया है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा है कि जनता ने जो जनादेश दिया है वह मतपेटियों में बंद है। कांग्रेस को पूरी उम्मीद है कि वह इन चुनावों में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगी। जनता केंद्र व प्रदेश सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल का आकलन कर चुकी है। महंगाई व विकास की धीमी गति से नाराज जनता ने अपने गुस्से का इजहार वोट की चोट देकर किया है।
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