720 वन पंचायतों पर कैंपा की मेहर
राज्य ब्यूरो, देहरादून: उत्तराखंड में वन पंचायतों के सशक्तीकरण के मद्देनजर क्षतिपूरक वनीकरण निधि प
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
उत्तराखंड में वन पंचायतों के सशक्तीकरण के मद्देनजर क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (कैंपा) ने भी हाथ खोले हैं। राज्य की 12194 वन पंचायतों में से चिह्नित 720 में विभिन्न रोजगारपरक कार्याें के साथ ही वनों के संरक्षण-संवर्द्धन के लिए 17 करोड़ की राशि मंजूर की गई है। यही नहीं, 3500 वन पंचायतों को दावानल की रोकथाम को साढ़े तीन करोड़ की राशि पहले ही जारी की जा चुकी है।
विषम भूगोल वाला उत्तराखंड एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां वन पंचायतें अस्तित्व में हैं। ये सभी अपने अधीन वन क्षेत्रों के संरक्षण-संवर्द्धन के साथ ही रोजगारपरक कार्यकम भी संचालित करती हैं। ये बात अलग है कि बड़ी संख्या में वन पंचायतें उपस्थिति दर्ज कराने तक सिमटी हुई हैं। ऐसे में इनके सुदृढ़ीकरण पर फोकस किया गया है।
हाल में हुई क्षतिपूरक वनीकरण निधि प्रबंधन एवं नियोजन प्राधिकरण (कैंपा) की स्टीय¨रग कमेटी की बैठक में भी कैंपा के जरिये संबल देने पर सहमति बनी थी। उत्तराखंड कैंपा के सीईओ समीर सिन्हा के मुताबिक कैंपा निधि से 720 चयनित वन पंचायतों के लिए 17 करोड़ की राशि जारी की गई है। इससे वनों का उचित प्रबंधन व देखभाल तो होगी ही, वन पंचायतों में वहां की परिस्थिति और स्थानीय जरूरत के हिसाब से रोजगारपरक कार्यक्रम भी संचालित होंगे। संबंधित वन प्रभागों के जरिये इनके लिए कार्ययोजना तैयार कराई जा रही है।
आग से झुलसे जंगल भी संवारेगी
दावानल से इस मर्तबा वन पंचायतों के अधीन भी जंगल झुलसे हैं। कैंपा की मदद से इन्हें फिर से संवारा जाएगा। सीईओ सिन्हा के मुताबिक इस कड़ी में 3500 वन पंचायतों को पहले ही तीन करोड़ की राशि दी जा चुकी है। जरूरत पड़ने पर क्षतिपूरक वनीकरण को और राशि निर्गत करने पर भी विचार चल रहा है।