Move to Jagran APP

उत्तराखंड: नगर निकायों और पंचायतों के लिए बनेगी अनुश्रवण समिति, पढ़िए पूरी खबर

प्रदेश में नगर निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति का गठन किया जाएगा।

By Edited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 10:09 PM (IST)Updated: Sat, 05 Sep 2020 04:09 PM (IST)
उत्तराखंड: नगर निकायों और पंचायतों के लिए बनेगी अनुश्रवण समिति, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड: नगर निकायों और पंचायतों के लिए बनेगी अनुश्रवण समिति, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। नगर निकायों और पंचायतीराज संस्थाओं की ओर से उठाए गए मुद्दों पर विचार करने के लिए राज्य स्तरीय अनुश्रवण समिति का गठन किया जाएगा। चतुर्थ वित्त आयोग के प्रत्यावेदन में शामिल इस सिफारिश को सरकार स्वीकार करेगी। कैबिनेट ने विधानसभा के पटल पर रखे जाने के लिए आयोग के प्रत्यावेदन को मंजूरी दे दी है। आयोग की संस्तुतियों के क्रम में सरकार ने पांचवें वित्त आयोग के गठन, स्थानीय निकायों से संबंधित पत्रावलियों पर सूचना ऑनलाइन उपलब्ध करने, राज्य के संसाधनों में वृद्धि को समिति का गठन, कर और करेत्तर राजस्व में वृद्धि समेत अन्य सिफारिशों को भी स्वीकार कर लिया है। 

loksabha election banner
सरकार ने यह भी बताया है कि नगर पालिका अधिनियम के तहत श्रेणी-एक की नगर पालिकाओं में कारपेट एरिया के आधार पर स्व मूल्यांकन पद्धति लागू की जाएगी। इसके अलावा जीआइएस मैपिंग के तहत छह नगर निगमों व एक नगर पालिका परिषद को सम्मिलित कर प्रस्ताव केंद्र सरकार की हाई पावर कमेटी को भेजा जाएगा। कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि आयोग की सिफारिशों के मुताबिक शहरी निकायों में कर संग्रह की अधिकाधिक वसूली के लिए सभी निकायों को निर्देशित किया गया है। 
विगत वर्ष की तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में बढ़ी आय प्राप्त करने वाले निकायों को प्रोत्साहन राशि भी उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने बताया कि निकायों में संपत्ति कर की दरों को निर्धारित करने के प्रस्ताव पर विचार चल रहा है। लाइसेंस शुल्क ले सकेंगी जिला पंचायतें आयोग ने यह भी सिफारिश की है कि संपत्ति और विभव कर के स्थान पर व्यवसाय कर लगाया जाना उचित होगा। इसके लिए जिला पंचायतों और नगर निकायों को निर्देशित किया जाना चाहिए।
इसके जवाब में सरकार ने बताया है कि जिला पंचायतों द्वारा संपत्ति व विभव कर के साथ ही लाइसेंस शुल्क लगाया जाना प्रस्तावित है। सरकार ने आयोग की उस सिफारिश का भी संज्ञान लिया है, जिसमें ग्राम पंचायतों में एक ही कार्य को बार-बार दिखाए जाने की समस्या दूर करने के लिए ई-पंचायत पर जोर दिया गया है।
 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.