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खफा हरक ने पकड़ी कोटद्वार की राह

उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद दो रोज पहले अगला विधानसभा चुनाव न लड़ने का एलान कर चुके कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की तल्खी बरकरार है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:58 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:58 PM (IST)
खफा हरक ने पकड़ी कोटद्वार की राह
खफा हरक ने पकड़ी कोटद्वार की राह।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद दो रोज पहले अगला विधानसभा चुनाव न लड़ने का एलान कर चुके कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की तल्खी बरकरार है। उन्हें रविवार को यहां एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के साथ मंच साझा करना था, मगर वह पहुंचे ही नहीं। अलबत्ता, डॉ. रावत निजी कार्यक्रम में शामिल होने कोटद्वार रवाना हो गए। ऐसे में बोर्ड अध्यक्ष पद से हटाने के मद्देनजर उनकी मुख्यमंत्री से बात नहीं हो पाई। वहीं, रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा भी कार्यक्रम में नहीं पहुंचे। अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य न होने पर वह पूर्व में नाराजगी जता चुके हैं। हालांकि, कार्यक्रम के बाद मीडिया से मुखातिब हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके और हरक के बीच कहीं कोई नाराजगी नहीं है।

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त्रिवेंद्र सरकार के वरिष्ठ सहयोगी कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत इन दिनों कुछ खफा-खफा से हैं। यह रविवार को सार्वजिनक भी हुआ। दरअसल, रिंग रोड पर आयुष अस्पताल व वेलनेस सेंटर का रविवार को मुख्यमंत्री के हाथों लोकार्पण हुआ। कार्यक्रम में आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत विशिष्ट अतिथि थे, जबकि रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ को अध्यक्षता करनी थी। कार्यक्रम में न तो डॉ. रावत पहुंचे और न काऊ। ऐेसे में मंत्री-विधायकों की नाराजगी को लेकर चर्चा होना स्वाभाविक था। सियासी गलियारों में भी तरह-तरह के निहितार्थ निकाले जाने लगे। अलबत्ता, कार्यक्रम के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उनके व डॉ. रावत के बीच नाराजगी वाली कोई बात नहीं है। साथ ही मीडिया पर चुटकी ली कि आप लोग नारद मुनि की तरह लड़ाने में माहिर हैं। जैसी बातें की जा रही हैं, वैसा कुछ भी नहीं है। 

उन्होंने कहा कि डॉ.रावत खुद ही यह कह चुके हैं कि वह जल्द ही उनसे मुलाकात करेंगे। मंत्रिमंडल विस्तार से संबंधित प्रश्न को टालते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से ज्यादा मीडिया को इसकी चिंता है।उधर, चर्चा है कि इस कार्यक्रम को लेकर पूर्व में जो निमंत्रण पत्र छपवाए गए थे, उसमें आयुष मंत्री डॉ.रावत को मुख्य अतिथि बनाया गया था। विधायक काऊ को अध्यक्षता करनी थी। बाद में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम तय होने के बाद उन्हें मुख्य अतिथि और कैबिनेट मंत्री डॉ. रावत को विशिष्ट अतिथि बनाया गया। खैर, बात चाहे जो रही हो, मगर डॉ.रावत व काऊ की इस कार्यक्रम से दूरी ने सियासी हलचल जरूर बढ़ गई है।

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कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा, मुझे अपने विधानसभा क्षेत्र कोटद्वार जाना था। इसीलिए उक्त कार्यकम में नहीं जा पाया। जहां तक भवन एवं अन्य सन्निर्माण बोर्ड के अध्यक्ष पद पर नई नियुक्ति का सवाल है तो इस बारे में जल्द ही मुख्यमंत्री से बात करूंगा। एक्ट की नियमावली के अनुसार तीन साल का नियम बोर्ड के गैर सरकारी अध्यक्ष व सदस्य के लिए होता है। श्रम मंत्री होने के नाते मुझे बोर्ड के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। इस समेत अन्य बिंदुओं पर मुख्यमंत्री से बात करुंगा, तभी कोई प्रतिक्रिया दूंगा। वहीं, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने कहा, मुझे उक्त कार्यक्रम के बारे में कोई सूचना नहीं थी। वैसे भी जहां यह कार्यक्रम हुआ, वह मेरे विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत नहीं आता।

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