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Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में आरबीएम के आयात व निर्यात पर प्रतिबंध

सरकार ने अब प्रदेश में आरबीएम (रिवर बेड मेटिरियल) के प्रदेश से बाहर आयात व निर्यात पर रोक लगा दी है। ऐसे करते हुए पकड़े जाने पर दो लाख तक का जुर्माना लगेगा।

By Edited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 08:46 PM (IST)Updated: Thu, 09 Jul 2020 11:34 AM (IST)
Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में आरबीएम के आयात व निर्यात पर प्रतिबंध
Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में आरबीएम के आयात व निर्यात पर प्रतिबंध

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड सरकार ने अब प्रदेश में आरबीएम (रिवर बेड मेटिरियल) के प्रदेश से बाहर आयात व निर्यात पर रोक लगा दी है। ऐसे करते हुए पकड़े जाने पर दो लाख तक का जुर्माना लगेगा। इसके अलावा शासन ने नदी से तीन किमी दूर स्टोन क्रशर लगाने के नियम में संशोधन करते हुए व्यावसायियों को खासी राहत भी प्रदान की है। पुराने स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट धारकों के लिए पुराने नियम ही मान्य होंगे। नए लाइसेंसधारकों के लिए भी तीन किमी के मानक में छूट दी गई है। 

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सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। प्रदेश में खनन से राजस्व बढ़ाने और अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए आरबीएम के आयात व निर्यात पर रोक लगाई गई है। हालांकि, क्रशर सामग्री आदि पर रोक नहीं लगाई गई है। इसके लिए उत्तराखंड खनिज (अवैध खनन, परिवहन, एवं भंडारण का निवारण) नियमावली 2020 में संशोधन किया गया है। 

इसमें पहली बार ईंट भट्टा परिसर भंडारण एवं सोपस्टोन भंडारण को भी अनुमति दी गई है। नीति में रिटेल भंडारण की स्वीकृति दो वर्ष के स्थान पर पांच वर्ष के लिए बढ़ाई गई है। मोबाइल स्टोन क्रशर व स्क्रीन प्लांट में भंडारण की अनुमति दो वर्ष तक होगी। 

रिटेल भंडारण के लिए लाइसेंस शुल्क 25 हजार रुपये (10 हजार मीट्रिक टन तक) इसके बाद 10 रुपये प्रति मीट्रिक टन लिया जाएगा। ईंट रिटेल भंडारण के लिए लाइसेंस फीस पांच हजार रुपये निर्धारित की गई है। खनिजों के क्रय-विक्रय का भुगतान नगद नहीं अब बैंक ड्राफ्ट व चेक के माध्यम से होगा। 

अवैध भंडारण पर दो लाख रुपये तक का अर्थदंड लगेगा। खनन पर जुर्माने की अपील अब शासन स्तर पर नहीं, बल्कि मंडलायुक्त स्तर पर होगी। पूर्व में भंडारण किए गए माल की निकासी अधिकतम छह माह में करनी होगी। एक समय में रिटेल भंडारण की प्रथम वर्ष में अधिकतम क्षमता 50 हजार टन होगी। इसके बाद हर पूर्व वर्ष में बेची गई सामग्री के 40 प्रतिशत के बराबर होगी। 

क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट को राहत

सरकार ने क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट धारकों को खासी राहत भी दी है। इसके लिए उत्तराखंड स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट नीति में भी बदलाव किया गया है। इसमें अब मैदानी व पर्वतीय क्षेत्रों में नदी तट से दूरी के मानक बदले गए हैं। जनपद हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे से स्टोन क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट की न्यूनतम क्षैतिज दूरी 1.5 किमी रखी गई है। 

अन्य मैदानी क्षेत्रों में नदी के किनारे स्टोर क्रशर व स्क्रीनिंग प्लांट की न्यूनतम दूरी एक किमी रखी गई है। मैदानी क्षेत्रों में बरसाती नदी के किनारे इनकी दूरी 0.5 किमी रखी गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में स्क्रीनिंग प्लांट व स्टोन क्रशर की नदी तट से दूरी का मानक यथावत रखा गया है। 

बेसिल करेगा सरकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार

सरकार ने बेसिल को सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार एवं राज्य में सोशल मीडिया कम्यूनिकेशन हब की स्थापना का काम ब्रॉडकास्ट इंजीनियङ्क्षरग कंसल्टेंट्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को देने का निर्णय लिया है। पहले इसके लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थी लेकिन कंपनियां नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में सरकार ने भारत सरकार के उपक्रम बेसिल को यह काम सौंपने का निर्णय लिया है। 

इएसआइ के डॉक्टरों को मिलेगा एनपीए 

सरकार ने अब इएसआइ के डॉक्टरों को नॉन प्रेक्टिस एलाउंस देने का निर्णय लिया है। स्वास्थ्य विभाग व आयुष में चिकित्सकों को पहले से ही एनपीए दिया जा रहा है।

सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज श्रीकोट गंगानाली को निश्शुल्क मिलेगी जमीन

शासन ने सरस्वती विद्या मंदिर श्रीकोट गंगनाली को .326 हेक्टेयर भूमि निश्शुल्क देने का निर्णय लिया है। इनके पास काफी पहले से यह जमीन थी। सरकार ने इस बार भूमि की लीज व स्टांप शुल्क के 9510116 रुपये माफ करने का भी निर्णय लिया है। 

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ये भी हुए फैसले 

-उत्तराखंड प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैंपा) के सुचारु संचालन को ढांचे को मंजूरी।

-देहरादून के धौलास में अरबन सीलिंग भूमि का भू-उपयोग अब होगा कृषि।

-विज्ञापन अनुश्रवण समिति में भारतीय प्रेस परिषद से सदस्य नामित न होने पर अब राज्य से करेंगे सदस्य नामित।

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