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Uttarakhand Cabinet Meet: बेरोजगारों और कारोबारियों को इलेक्ट्रिक बस खरीद पर 15 लाख तक मदद

प्रदेश में बेरोजगारों और कारोबारियों को व्यावसायिक इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए 50 फीसद सब्सिडी या अधिकतम 15 लाख रुपये की सरकारी मदद मुहैया कराई जाएगी।

By Edited By: Published: Thu, 13 Feb 2020 10:47 PM (IST)Updated: Fri, 14 Feb 2020 07:55 AM (IST)
Uttarakhand Cabinet Meet: बेरोजगारों और कारोबारियों को इलेक्ट्रिक बस खरीद पर 15 लाख तक मदद
Uttarakhand Cabinet Meet: बेरोजगारों और कारोबारियों को इलेक्ट्रिक बस खरीद पर 15 लाख तक मदद

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में में बेरोजगारों और कारोबारियों को व्यावसायिक इलेक्ट्रिक बस खरीदने के लिए 50 फीसद सब्सिडी या अधिकतम 15 लाख रुपये की सरकारी मदद मुहैया कराई जाएगी। त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल ने यह अहम फैसला लिया। 

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इसके लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना नियमावली-2002 में संशोधन को मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड में क्षेत्र विशेष के लिए वन की नई परिभाषा तय कर दी। अब दस हेक्टेयर के बजाए पांच हेक्टेयर के वृक्ष क्षेत्र को वन माना जाएगा। 

मुख्यमंत्री के न्यू कैंट रोड स्थित आवास में गुरुवार रात्रि मंत्रिमंडल की बैठक हुई। बैठक में तीन फैसले लिए गए। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेश के मार्गों पर एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 50 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद और पर्यटकों की सुविधा को अन्य व्यावसायिक इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर 50 फीसद सब्सिडी और अधिकतम 15 लाख रुपये सरकारी मदद देने पर मुहर लगाई।

साथ ही साधारण बस 30 सीटर और 42 सीटर, वातानुकूलित बस 26 या 28 सीटर या 42 सीटर के लिए उक्त मदद दी जाएगी। इन बसों का संचालन परिवहन निगम के निर्धारित रूट या नगरीय रूट या स्थानों के लिए किया जा सकेगा। मदद के साथ सरकार ने शर्त भी जोड़ी है। बसों की बॉडी के दोनों ओर राज्य में पर्यटन का प्रचार-प्रसार करने वाली सामग्री लगाना या अंकित करना अनिवार्य होगा। साथ ही इस योजना के तहत अलग-अलग कार्य के लिए एक ही व्यक्ति को अलग-अलग ऋण की व्यवस्था को भी मंजूरी दी गई।

वन के लिए 40 फीसद घनत्व

वन की परिभाषा तय करने को गठित मंत्रिमंडलीय उपसमिति की रिपोर्ट को मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। सरकार ने पिछले वर्ष जून में वन की परिभाषा के मानक का निर्धारण किया था। अब मंत्रिमंडल ने इसमें बदलाव किया है। नई परिभाषा में 10 के बजाय पांच हेक्टेयर या उससे अधिक के सघन क्षेत्र के साथ 75 फीसद से अधिक देसी वृक्ष की प्रजातियां होनी चाहिए। साथ में वितान घनत्व या केनोपी डेनसिटी 60 फीसद के बजाय 40 फीसद से अधिक को ही वन माना जाएगा। 

एडवेंचर टूरिज्म समिट 20 मार्च से

मंत्रिमंडल ने प्रदेश में 20 से 22 मार्च तक प्रस्तावित उत्तराखंड एडवेंचर टूरिज्म समिट-2020 के लिए नॉलेज पार्टनर फिक्की और इंडस्ट्री पार्टनर एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया को बनाया गया है। नॉलेज पार्टनर को करीब 25 लाख व इंडस्ट्री पार्टनर को 10 लाख रुपये बतौर प्रबंधन शुल्क भुगतान किया जाएगा। 

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कैबिनेट के फैसले 

-वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के तहत बेरोजगारों और कारोबारियों को राहत, पर्यटन मार्गों व यात्रा रूट पर दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक बस। 

-प्रदेश में क्षेत्र विशेष में वन की परिभाषा तय की गई, 10 के बजाए पांच हेक्टेयर के वृक्ष क्षेत्र को माना जाएगा, फल फूल की उद्यान प्रजाति वन से बाहर। 

-एडवेंचर टूर समिट के लिए नॉलेज व इंडस्ट्री पार्टनर तय, फिक्की और एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया होंगे पार्टनर। 

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