स्टार्ट अप नीति के तहत स्थानीय युवाओं को देना होगा रोजगार
स्टार्ट अप नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्यमों और स्टार्ट अप को राज्य की नीति के मुताबिक ही अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। स्टार्ट अप नीति के तहत स्थापित होने वाले उद्यमों और स्टार्ट अप को राज्य की नीति के मुताबिक ही अनिवार्य रूप से पंजीकरण कराना होगा। यही नहीं उन्हें उद्यमों में 50 फीसद स्थानीय युवाओं को भी रोजगार देना होगा। मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दी। साथ ही आयुष चिकित्सकों को भी चार जनवरी, 2017 से प्रेक्टिस बंदी भत्ता देने का निर्णय लिया गया। वहीं शिक्षा आचार्यों के शिक्षा मित्र बनने की हसरत को झटका लगा है। उन्हें शिक्षा मित्र में समायोजित करने वाले शासनादेश निरस्त किए गए हैं।
मंत्रिमंडल ने बुधवार को स्टार्ट अप नीति में संशोधन को मंजूरी दी। इसके तहत अब केंद्र की स्टार्ट अप नीति के राज्य में लगने वाले उद्यमों को राज्य सरकार की नीति के मुताबिक पंजीकरण कराना होगा। यानी इन स्टार्ट अप को राज्य के नियम-कानून मानने होंगे। इसके एवज में उन्हें राज्य में मिलने वाली सुविधाएं मिल सकेंगी। 25 करोड़ तक टर्नओवर वाले स्टार्ट अप को 50 फीसद स्थानीय युवाओं को रोजगार देना होगा। मंत्रिमंडल ने आयुष चिकित्सकों को शासनादेश के बावजूद प्रेक्टिस बंदी भत्ता नहीं मिलने से होने वाली परेशानी दूर कर दी। इन चिकित्सकों को 30 नवंबर, 2016 को शासनादेश जारी कर चार जनवरी, 2017 से उक्त भत्ता देने के आदेश दिए गए, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ। अब मंत्रिमंडल ने तय अवधि से भत्ता देने को स्वीकृति दी है।
शिक्षा आचार्यों की राह बंद
शिक्षा आचार्यों-अनुदेशकों को मंत्रिमंडल के फैसले से झटका लगना तय है। दरअसल, शिक्षा का अधिकार एक्ट लागू होने के बाद सरकारी विद्यालयों में शिक्षा आचार्यों-अनुदेशकों की तैनाती और कार्यरत रहने की राह बंद की जा चुकी है। प्रदेश में कार्यरत रहे 990 शिक्षा आचार्यों में से शैक्षिक योग्यता पूरी नहीं करने वाले न शिक्षा मित्र और न ही प्राथमिक शिक्षक बन पाए। राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भेजे गए प्रस्ताव को भी मंजूरी नहीं मिलने के बाद शिक्षा आचार्यों के लिए रास्ते बंद हो चुके हैं। नतीजतन मंत्रिमंडल ने शिक्षा आचार्यों को शिक्षा मित्रों के रूप में समायोजित करने के संबंध में 19 नवंबर, 2010, 18 जुलाइ, 2011 और 16 सितंबर, 2011 व 15 दिसंबर, 2011 को जारी शासनादेश निरस्त करने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने अब शिक्षा महकमे में कार्यरत शिक्षा मित्रों को 31 मार्च, 2019 तक टीईटी उत्तीर्ण करने पर नियमित कर दिया, जबकि शेष शिक्षा मित्रों का रोजगार बरकरार रखते हुए वरीयता अंक के साथ ही टीईटी उत्तीर्ण करने पर आगे शिक्षक बनने के मौके को बरकरार रखा है।
सीधी भर्ती से भरे जाएंगे सहायक कुलसचिव
प्रदेश के उच्च शिक्षा से संबंधित सरकारी विश्वविद्यालयों के लिए उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय (केंद्रीयत) सेवा नियमावली 2006 में संशोधन को हरी झंडी दिखा दी। अब उक्त नियमावली को लागू करने वाले विश्वविद्यालयों में सहायक कुलसचिव के रिक्त पदों पर तेजी से भर्ती हो सकेगी। दरअसल सहायक कुलसचिव के 50 फीसद पदों पर लेखा संवर्ग से पदोन्नति और 50 फीसद पदों पर सीधी भर्ती का प्रावधान है। विश्वविद्यालयों में लेखा संवर्ग नहीं होने की वजह से पदोन्नति के पद रिक्त रह जाते हैं। ऐसे में उक्त नियमावली में संशोधन के बाद अब सहायक कुलसचिव पदों को सौ फीसद सीधी भर्ती से भरा जाएगा।
एसडीएमए में 29 कार्मिकों का समायोजन
मंत्रिमंडल ने आपदा प्रबंधन एवं न्यूनीकरण केंद्र के चार स्थायी, तीन संविदा और बगैर पद के कर्मचारियों समेत कुल 29 कार्मिकों का समायोजन राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में किया है। गांवों में सामुदायिक रेडियो स्टेशन स्थापित करने के लिए अब अनुदान राशि पांच लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख की गई है। अनुदान राशि का 50 फीसद पहले और 50 फीसद राशि उपयोगिता प्रमाणपत्र मिलने के बाद देंगे। इसके साथ रेडियो स्टेशन को चलाने के लिए सालाना दो लाख की राशि तीन वर्षों तक देने का निर्णय मंत्रिमंडल ने किया है। सामुदायिक रेडियो को लेकर ग्रामीणों को प्रोत्साहित करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया है।
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ग्राम्य विकास में 604 पद समायोजित
मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक योजना के तहत तकनीकी व गैर तकनीकी निस्संवर्गीय 604 पदों को ग्राम्य विकास विभाग में समायोजित करने पर मुहर लगाई। इन पदों को प्रतिनियुक्ति पर लिए जाने का निर्णय लिया गया है। गौरतलब है कि लोक निर्माण विभाग ने पीएमजीएसवाई, एडीबी-आपदा व वल्र्ड बैंक के तहत मुख्य अभियंता-सिविल के पदों का सृजन कर मुख्यालय एवं कार्यदायित्व निर्धारित किए थे। 25 सितंबर, 2019 को शासनादेश जारी कर लोक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता स्तर-दो एवं अधीक्षण अभियंता सिविल के सभी सृजित निस्संवर्गीय पदों को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया।
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कैबिनेट के अन्य फैसले:
- उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय (केंद्रीयत) सेवा नियमावली 2006 में संशोधन, राज्य विवि कर सकेंगे लागू
- भारतीय वन अधिनियम 1927 में संशोधन को विभागीय मंत्री हरक सिंह रावत की अध्यक्षता में कैबिनेट सबकमेटी, सबकमेटी में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल व शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे, 15 दिन में देंगे रिपोर्ट
- उपनल आउटसोर्सिंग कार्मिक के यात्रा भत्ता में सर्विस चार्ज नहीं लगेगा, जीएसटी लागू होने के चलते लिया फैसला
- वैट और केंद्रीय बिक्री कर सेस जमा करने के लिण् अलग खाता व नया मद शीर्षक सृजित
- विश्व बैंक सहायता ऋण प्रबंधन के लिए तैयार होगा सॉफ्टवेयर
- सामुदायिक रेडियो स्टेशन की अनुदान राशि 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख की गई।
- व्यवसाय संघ अधिनियम 1926 में संशोधन
- ब्वायलर अधिनियम 1923 में संशोधन कर सहायक निदेशक के पदों में की वृद्धि
- राज्य बीमा निगम विभागीय ढांचे में सहायक वित्त अधिकारी का नाम सहायक लेखाधिकारी होगा
- श्रम संविदा अधिनियम 1970 में संशोधन
- आयुष चिकित्सकों को एनपीए चार जनवरी, 2017 से दिया जाएगा
- शिक्षा आचार्य-अनुदेशकों को झटका, शिक्षा मित्र में समायोजन के आदेश निरस्त
- उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड पिछले चार वर्ष से संबंधित प्रतिवेदन विधानसभा पटल पर रखने का निर्णय
- उत्तराखंड कृषि उत्पादन मंडी अधिनियम 2019 में संशोधन, रिवाल्विंग फंड की जगह बोर्ड एवं मंडियों से 10 प्रतिशत अंशदान जमा कराएंगे
- सुरक्षित भवन तकनीक, भवन निर्माण करने वाले राज्य मिस्त्री का 350 से बढ़ाकर 500 रुपये
- कारखाना नियमावली 1950 में संशोधन, अब हर साल के बजाय पांच वर्ष में लेना होगा लाइसेंस
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