उप्र और हिमाचल से ज्यादा उदार हुआ उत्तराखंड
कर्मचारियों के लिए सातवें वेतनमान के भत्तों को तय करने में उत्तराखंड ने अपने पड़ोसी राज्यों हिमाचल और उत्तरप्रदेश की तुलना में अधिक उदारता दिखाई है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून
कर्मचारियों के लिए सातवें वेतनमान के भत्तों को तय करने में उत्तराखंड ने अपने पड़ोसी राज्यों हिमाचल और उत्तरप्रदेश की तुलना में अधिक उदारता दिखाई है। मकान किराया भत्ते (एचआरए) में उत्तराखंड ने उत्तरप्रदेश से कहीं ज्यादा न्यूनतम धनराशि तय की है। अलबत्ता, एचआरए की अधिकतम धनराशि तय करने में उत्तरप्रदेश आगे रहा है। राज्य ने दूरदराज और दुर्गम में तैनात कार्मिकों को एचआरए में अधिक राहत दी है।
एचआरए की तीन श्रेणियां तीनों ही राज्यों में तय हैं। उत्तरप्रदेश ने श्रेणी-एक्स के शहरों में न्यूनतम 2200 रुपये और अधिकतम 21000 रुपये एचआरए तय किया है। श्रेणी-वाई के शहरों में न्यूनतम एचआरए 1100 रुपये और अधिकतम 10500 रुपये निर्धारित है, जबकि अवर्गीकृत शहरों के लिए न्यूनतम 730 और अधिकतम 7000 रुपये एचआरए तय है। वहीं उत्तराखंड ने पड़ोसी उत्तरप्रदेश की तुलना में तीनों श्रेणियों में न्यूनतम एचआरए काफी ज्यादा तय किया है। राज्य ने निचले और मध्यक्रम के वेतनमान में कार्यरत कर्मचारियों का एचआरए में खूब ध्यान रखा है। श्रेणी-बीटू शहरों में न्यूनतम 2500 रुपये और अधिकतम 12 हजार रुपये एचआरए तय किया है। उत्तरप्रदेश की तुलना में न्यूनतम राशि 300 रुपये अधिक है।
श्रेणी सी शहरों में न्यूनतम एचआरए 2100 है, उत्तरप्रदेश में यह राशि 1100 रुपये है। हालांकि इस श्रेणी में अधिकतम राशि उत्तरप्रदेश ने 10500 रखी है, जबकि उत्तराखंड में यह 8000 रुपये है। अवर्गीकृत श्रेणी के शहरों में उत्तराखंड ने अपने कर्मचारियों का ज्यादा ख्याल रखा है। इस श्रेणी में उत्तरप्रदेश ने न्यूनतम एचआरए 730 व अधिकतम 7000 तय किया है। उत्तराखंड ने न्यूनतम एचआरए 1800 रुपये तय किया है, उत्तरप्रदेश की तुलना में यह राशि 1270 रुपये ज्यादा है। इस श्रेणी में अधिकतम एचआरए उत्तरप्रदेश के समान 7000 रुपये ही तय किया गया है।
वहीं हिमाचल प्रदेश ने शिमला व जिला मुख्यालयों के साथ ही अन्य क्षेत्रों के लिए न्यूनतम 250 रुपये से अधिकतम 2000 रुपये एचआरए तय किया है। उत्तराखंड की तुलना में यह बेहद कम है।