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उत्तराखंड में अब जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों को ही गृह कर में छूट, पढ़िए पूरी खबर

वित्तीय वर्ष 2021-22 से केवल जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर में छूट मिलेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

By Edited By: Published: Thu, 17 Sep 2020 08:03 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 03:37 PM (IST)
उत्तराखंड में अब जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों को ही गृह कर में छूट, पढ़िए पूरी खबर
उत्तराखंड में अब जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों को ही गृह कर में छूट, पढ़िए पूरी खबर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में वित्तीय वर्ष 2021-22 से केवल जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर में छूट मिलेगी। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसके पीछे राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों का हवाला दिया गया है। अभी तक राज्य में सभी श्रेणी के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को गृह कर में छूट दी जा रही है। 

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सैनिक बहुल उत्तराखंड में पूर्व सैनिकों को राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में नगर निकायों में गृह कर के मामले में बड़ी राहत दी थी। इसके तहत त्रिस्तरीय नगर निकायों में स्वयं के भवनों में रह रहे पूर्व सैनिकों को गृह कर से मुक्त रखा गया। नगर निकायों को इसकी प्रतिपूर्ति सैनिक कल्याण विभाग के माध्यम से होती है। राज्य में अभी तक यही व्यवस्था चली आ रही है। इस बीच सैनिक कल्याण विभाग ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों का हवाला देते हुए प्रस्ताव किया कि अगले वित्तीय वर्ष से सभी पूर्व सैनिकों को गृह कर से मुक्त रखने के स्थान पर जेसीओ रैंक से नीचे के पूर्व सैनिकों और सैन्य विधवाओं को ही गृह कर से मुक्त रखा जाए। 
गुरुवार को हुई कैबिनेट में इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई। बताया कि इससे सैनिक कल्याण विभाग को गृह कर की प्रतिपूर्ति के मामले में काफी राहत मिल जाएगी। पदोन्नति के रिक्त 48 पदों पर सीधी भर्ती अधिशासी अधिकारी और सफाई निरीक्षकों की कमी से जूझ रहे नगर निकायों की यह दिक्कत जल्द ही दूर हो जाएगी। असल में केंद्रीयित सेवा संवर्ग के तहत आने वाले अधिशासी अधिकारी और सफाई निरीक्षक के पदोन्नति के 48 पद रिक्त चल रहे हैं। 
इसे देखते हुए कैबिनेट ने पदोन्नति के रिक्त इन पदों को एक बार के लिए डाउनग्रेड करते हुए इन्हें सीधी भर्ती से भरने का निर्णय लिया है। इनमें अधिशासी अधिकारी के 23 और सफाई निरीक्षक के 25 पद हैं। यह व्यवस्था केवल एक बार के लिए होगी। इससे पूर्व में नियुक्त कार्मिकों के हितों व वरिष्ठता पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही नई नियुक्तियां होने से जहां नगर निकायों के कार्य सुगमता से होंगे, वहीं स्वच्छ भारत मिशन जैसी योजनाओं के सुचारू संचालन में मदद मिलेगी।

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