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आयकर रिफंड हड़पने का आरोपित दिव्यांशु नहीं है सीए, दावा किया खारिज

भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान के देहरादून चैप्टर ने दिव्यांशु के उस दावे को खारिज किया जिसमें उसने खुद को सीए बताया।

By Sumit KumarEdited By: Published: Sun, 09 Aug 2020 05:22 PM (IST)Updated: Sun, 09 Aug 2020 05:22 PM (IST)
आयकर रिफंड हड़पने का आरोपित दिव्यांशु नहीं है सीए,  दावा किया खारिज
आयकर रिफंड हड़पने का आरोपित दिव्यांशु नहीं है सीए, दावा किया खारिज

देहरादून, जेएनएन। भारतीय पशु कल्याण बोर्ड की सदस्य गौरी मौलेखी के आयकर रिफंड की राशि हड़पने का आरोपित दिव्यांशु अग्रवाल चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) नहीं है। भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान के देहरादून चैप्टर ने दिव्यांशु के उस दावे को खारिज किया, जिसमें उसने खुद को सीए बताया। सीए की प्रैक्टिस करने वालों की छवि को धूमिल करने के प्रयास पर संस्थान ने दिव्यांशु के खिलाफ चार्टर्ड अकाउंटेंट अधिनियम 1949 के तहत कार्रवाई की संस्तुति भी पुलिस को भेजी है। 

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चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान के देहरादून चैप्टर के अध्यक्ष विमल किशोर ने कहा कि उनके अभिलेखों के मुताबिक तिलक रोड निवासी दिव्यांशु अग्रवाल सीए नहीं है। ऐसे में साफ होता है कि आरोपित दिव्यांशु अग्रवाल ने झूठ बोलकर खुद को सीए बताया। इसके साथ ही उन्होंने आमजन को जागरूक करने के लिहाज से बताया कि कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से सीए की पहचान कर सकता है। उन्होंने कहा कि चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्थान की वेबसाइट पर जाकर सीए की सदस्यता नंबर से पहचान की जा सकती है। संस्थान के देहरादून चैप्टर के सुभाष रोड स्थित कार्यालय में भी सीए की असलियत पता की जा सकती है। जब भी कोई सीए किसी दस्तावेज को सत्यापित करता है तो एक यूनिक नंबर मिलता है। इस यूनिक नंबर को सीए ही जनरेट करा सकता है। इसके माध्यम से भी सीए के बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है। 

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खाते से उड़ाए साढ़े पांच लाख रुपये 

मर्चेट नेवी में नौकरी कर रहे एक व्यक्ति के खाते से अज्ञात शख्स ने 5.54 लाख रुपये निकाल लिए। शिकायत पर देहरादून के रायपुर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। रायपुर थानाध्यक्ष अमरजीत सिंह रावत ने बताया कि वैष्णव विहार निवासी अंकित थापा मर्चेट नेवी में नौकरी करते हैं। उनका ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) की रायपुर शाखा में खाता है। अंकित ने पुलिस को बताया कि 10 जुलाई से 12 अगस्त 2019 के बीच उनके खाते से किसी ने 5.54 लाख रुपये निकाल लिए। इस माह वह देहरादून आए तो पासबुक अपडेट कराने के लिए बैंक गए। वहां उन्हें पता चला कि खाते से रकम निकाल ली गई है। इस मामले में बैंक स्टेटमेंट निकलवाया गया है। जिससे रकम एटीएम से निकलने की बात सामने आई है। 

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