ग्रोथ सेंटर से होगी किसानों की 'आर्थिक ग्रोथ': सीएम
स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रचारित करने की जरूरत है। इसके साथ उपलब्धता पर भी विशेष ध्यान देना होगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून: स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रचारित करने की जरूरत है। इसके साथ उपलब्धता पर भी विशेष ध्यान देना होगा। बाजार में स्थानीय उत्पादों की खासी मांग है, जिसे देखते हुए प्रदेशभर में ग्रोथ सेंटर खोले जा रहे हैं। ये ग्रोथ सेंटर किसानों के उत्पादों को बेहतर बाजार में पहुंचाकर उनकी आर्थिकी मजबूत करेंगे। यह बातें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रविवार को थानो में एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण करने के बाद कहीं।
इस सेटर की स्थापना जलागम प्रबंधन विभाग की ओर से संचालित ग्राम्या-2 परियोजना के तहत की गई है। यहां तैयार किए जा रहे उत्पादों का निरीक्षण करने के बाद मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के कैटलॉग का विमोचन भी किया। साथ ही स्थानीय निवासियों को मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक भी वितरित किए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि स्थानीय किसानों और युवाओं को विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण व विपणन के लिए यह ग्रोथ सेंटर बनाया गया है। कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेटर को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग अवधारणा पर तैयार किए जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत में एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानो क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहा कई ग्रोथ सेंटर बनाए जा सकते हैं।
इस अवसर पर राज्य स्तरीय जलागम परिषद के उपाध्यक्ष ज्योति प्रसाद गैरोला, भाजपा के जिलाध्यक्ष शमशेर सिंह पुंडीर, वन पंचायत के उपाध्यक्ष चरण बोहरा, सचिव राधिका झा, जिलाधिकारी डॉ. आशीष श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक ग्राम्या-2 नीन ग्रेवाल, मुख्य विकास अधिकारी निकिता खंडेलवाल आदि उपस्थित रहे।
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सेंटर में स्थानीय किसानों को ही काम
कार्यक्रम में जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा, इस ग्रोथ सेंटर की सबसे अच्छी बात यह है कि इसे स्थानीय किसानों का संगठन मालकोटी स्वायत्त सहकारिता संचालित करेगा। इसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। उन्होंने बताया कि इस संघ ने एक वर्ष में 13.27 लाख का व्यवसाय किया, जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। संघ से जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बिक्री उत्पादों के साथ-साथ नर्सरी में पौधे उगाकर बेचे। युवाओं को दिया स्वरोजगार का मंत्र
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार का मंत्र देते हुए कहा कि युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। उन्हें अपनी क्षमता पहचानकर स्वरोजगार के क्षेत्र में कार्य करने होंगे। इससे वह दूसरों को भी रोजगार दे सकेंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेटर में जरूर आना चाहिए। इससे उन्हें स्वरोजगार की दिशा में नए विचार मिलेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किए जा सकते हैं।