Move to Jagran APP

सहयोग से समाधान: तकनीकी का किया इस्तेमाल तो दौड़ पड़ा आटोमोबाइल का कारोबार

जब वाहनों की बिक्री लगभग न के बराबर रही। ऐसे में चकराता रोड स्थित रोहन मोटर्स(अरेना) के वाइस प्रेसिडेंट नवीन तोमर ने तकनीकी का इस्तेमाल किया। जिन ग्राहकों ने पहले कार लेने की इच्छा जताई थी और शोरूम से पूछताछ की थी उनके नंबर जुटाए गए।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 12:30 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 12:30 AM (IST)
सहयोग से समाधान: तकनीकी का किया इस्तेमाल तो दौड़ पड़ा आटोमोबाइल का कारोबार
तकनीकी का किया इस्तेमाल तो दौड़ पड़ा आटोमोबाइल का कारोबार।

देहरादून, जेएनएन। लॉकडाउन में जब ऑटोमोबाइल का काम पूरी तरह से ठप हो गया था तो कर्मचारियों को वेतन देने का भी संकट था। मई में शोरूम खोलने की अनुमति तो मिली, लेकिन ग्राहक शोरूम तक नहीं पहुंचे। वाहनों की बिक्री लगभग न के बराबर रही। ऐसे में चकराता रोड स्थित रोहन मोटर्स(अरेना) के वाइस प्रेसिडेंट नवीन तोमर ने तकनीकी का इस्तेमाल किया। जिन ग्राहकों ने पहले कार लेने की इच्छा जताई थी और शोरूम से पूछताछ की थी, उनके नंबर जुटाए गए। तमाम कर्मचारियों की ड्यूटी ग्राहकों को स्कीम संबंधी ईमेल, एसएमएस, वॉट्सएप और वीडियो भेजने में लगा दी गई।

loksabha election banner

जून से ग्राहकों ने धीरे-धीरे शोरूम तक आना शुरू कर दिया। संक्रमण के खतरे को देखते हुए ड्राइविंग टेस्ट करवाने की बड़ी चुनौती थी, लेकिन इसका समाधान भी किया गया। डेमो देने वाले कर्मचारी को ग्राहक के घर पर टेस्ट ड्राइव देने के लिए भेजा गया। कर्मचारी पूरी पीपीई किट पहनकर ग्राहक के घर जाते थे और ग्राहक के अंदर विश्वास पैदा करने के लिए उनके सामने ही पूरे वाहन को सैनिटाइज करते थे। अब स्थिति काफी सुधर चुकी है। त्योहारों के सीजन में 300 वाहन बुक हो चुके हैं। साथ ही शोरूम की ओर से 475 वाहन बेचने का लक्ष्य रखा गया है। 

समाधान 1: लॉकडाउन ने बदले हालात

नवीन तोमर ने बताया कि कोरोना से ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को कोई अधिक नुकसान नहीं हुआ। इसका मुख्य कारण है कि मार्च से लॉकडाउन और इसके बाद पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद रहा। हालांकि, अपने वाहन भी लोग खरीद नहीं सके। ग्राहकों के पास पैसा तो था, पहले उन्होंने वाहन खरीदने की योजना तो बनाई, लेकिन वाहन नहीं खरीदा। लॉकडाउन के बाद से हर व्यक्ति को वाहन की अहमियत का पता लग गया है, इसलिए नए वाहन खरीदने वालों की संख्या में पिछले सालों की तुलना में बढ़ोतरी हुई है। इस त्योहार के सीजन में ग्राहकों में वाहन खरीदने के लिए अधिक उत्सुकता देखी जा रही है। उन्होंने बताया कि चुनौतियां सबके सामने आती हैं, लेकिन इसका हल संयम से निकाला जा सकता है। 

                      (रोहन मोटर्स(अरेना) के वाइस प्रेसिडेंट नवीन तोमर)

समाधान 2: जो कर्मचारी निकाले थे वह दोबारा वापस रखे

तोमर बताते हैं कि कोरोनाकाल में आटोमोबाइल इंडस्ट्री थोड़ा डाउन चली गई थी। वाहन न बिकने के कारण कंपनी के पास कर्मचारियों को वेतन देने का भी संकट भी खड़ा हुआ। इसलिए कंपनी की ओर से पांच प्रतिशत कर्मचारियों को कुछ समय के लिए हटा दिया गया था। अब काम दोबारा पटरी पर लौट चुका है, ऐसे में इन कर्मचारियों को दोबारा नौकरी पर वापस बुला लिया गया है।

यह भी पढ़ें: सहयोग से समाधान: कारोबार को गति देने में काम आए वर्षों के संबंध, अनलॉक में बढ़ी रफ्तार

समाधान 3: कर्मचारियों ने विषम परिस्थितियों में भी पूरी लगन से किया काम 

कर्मचारियों ने भी विषम परिस्थितियां में पूरी लगन से कार्य किया। कारोबार को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास किया गया। ऑनलाइन माध्यम से संपर्क साधने से लेकर घर जाकर कागजी कार्रवाई और पेमेंट लेना भी काफी अलग रहा। साथ ही कार की होम डिलीवरी तक भी की गई।

यह भी पढ़ें: सहयोग से समाधान: आरबीएस डेवलपर्स ने कर्मचारियों के सहयोग से बनाया काम का माहौल 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.