बजट में संपूर्ण विकास की झलक: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट को विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि यह प्रदेश के विकास में अहम योगदान देगा।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट को विकासोन्मुखी बताते हुए कहा कि यह प्रदेश के विकास में अहम योगदान देगा। उन्होंने कहा कि बजट में ढांचागत सुविधाओं, कृषि, उद्योग, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं को विकसित करने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने वित्त मंत्री प्रकाश पंत को बजट के लिए बधाई देते हुए कहा कि इसमें संपूर्ण विकास की झलक है और यह सरकारी की प्राथमिकताओं पर केंद्रित बजट है।
बुधवार को विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट में किसानों का पूरा ध्यान रखा गया है। गन्ना किसानों को प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। किसानों के लिए सॉफ्टलोन की व्यवस्था की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती को उत्पादक बनाने के लिए कुछ सुधार किए गए हैं। स्थानीय लोगों को पांच मेगावाट तक के प्रोजेक्ट का अधिकार दिया गया है। प्रदेश में 5000 के आसपास ऐसे तोक हैं जहां ग्रिड से बिजली नहीं पहुंच रही है, उनमें से अधिकांश में मार्च तक ग्रिड से बिजली पहुंचा दी जाएगी। स्वास्थ्य क्षेत्र में अटल आयुष्मान योजना लागू की गई है, इसमें शुरुआती दौर में कुछ कमी हो सकती है लेकिन इन्हें समय आने पर दूर कर दिया जाएगा। हर जिला अस्पताल में कम से कम 15 डॉक्टर तैनात हैं। उच्च शिक्षा में नए लेक्चरर की भर्ती की जा रही है। सबको एक समान शिक्षा देने के लिए प्राथमिक स्तर से एनसीईआरटी की पुस्तकें लागू की गई हैं। प्रदेश में अनाथ बच्चों को भी आरक्षण दिया गया है। मुख्यमंत्री ने नदियों के पुनर्जीवन, बदरीनाथ व केदारनाथ के साथ ही टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे, हवाई कनेक्टिविटी, चीनी मिलों के आधुनिकीकरण के संबंध में सरकार की योजनाओं का खाका भी पेश किया।
इससे पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. इंदिरा हृदयेश ने बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में सड़कें बदहाल हैं। अभी तक कई गांवों में बिजली नहीं पहुंची है। आयुष्मान योजना का खूब प्रचार प्रसार हो रहा है लेकिन मरीजों को पूरी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। अस्पतालों में बेड नहीं हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं हैं। बजट में न तो किसानों और न ही नौजवानों को कोई राहत मिली है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और विधायक प्रीतम सिंह ने कहा कि गैरसैंण के परिप्रेक्ष्य में बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। वेतन, पेंशन व ब्याज को निकाल दिया जाए तो विकास कार्यो के लिए केवल 1958 करोड़ ही हैं। प्रदेश में किसान व व्यापारी आत्महत्या कर रहे हैं। निवेश सम्मेलन को लेकर जो आंकड़े दर्शाए जा रहे हैं वह धरातल पर कैसे उतरेंगे, इसे लेकर संशय है।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि खेती बंद हो गई है, बेरोजगारी बढ़ी है। अतिथि शिक्षकों को व्यवस्थित नहीं किया जा सका है। विधायक मनोज रावत ने कहा कि अधिकांश बजट उधार व अन्य देयता मद को पूरा करने के लिए रखा गया है। बीते दो वर्षो से सरकार के प्रस्तावित उधार लेने और वास्तविक उधार लेने में अंतर हैं। वर्ष 2018-19 में ही सरकार ने प्रस्तावित उधार से पांच हजार करोड़ अधिक उधार लिया है। इस रफ्तार से यह दर काफी अधिक पहुंच जाएगी। विधायक हरीश धामी, फुरकान अहमद, ममता राकेश व राजकुमार के अलावा निर्दलीय विधायक प्रीतम पंवार ने भी बजट को अपूर्ण बताया। वहीं, विधायक मुन्ना सिंह चौहान, विधायक सुरेंद्र सिंह जीना और नवीन चंद्र दुम्का ने बजट के पक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए।