सीटीआर की 43 ईडीसी को मिले 1.76 करोड़
कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के अंतर्गत गठित इको विकास समितियों (ईडीसी) के पास इस वर्ष बजट की कमी नहीं रहेगी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून:
कार्बेट टाइगर रिजर्व (सीटीआर) के अंतर्गत गठित इको विकास समितियों (ईडीसी) के पास इस वर्ष बजट की कमी नहीं रहेगी। इस कड़ी में 43 ईडीसी को चालू वित्त वर्ष के लिए 1.72 करोड़ की राशि आवंटित कर दी गई है। इन समितियों में से 27 को पिछले वर्ष की 54 लाख की अवशेष राशि भी जारी की गई है। अब ये समितियां अपने-अपने क्षेत्रों में आजीविका विकास, मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम समेत अन्य कदम प्रभावी ढंग से उठा सकेंगी।
कार्बेट से लगे गांवों के लोगों की वन्यजीव संरक्षण में भागीदारी के साथ ही आजीविका विकास के मद्देनजर इको विकास समितियों का गठन किया गया है। इन समितियों को विभिन्न कार्य तो सौंपे जाते है, मगर वक्त पर बजट उपलब्ध नहीं हो पाता। पिछले वर्ष अक्टूबर में हुई टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन की बैठक में इन समितियों को धनराशि देने पर मुहर लगाई गई। इसके पश्चात तत्कालीन प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक राजीव भरतरी ने इस कार्य को तेजी से करने पर जोर दिया। इसका नतीजा ये रहा कि किसी वित्तीय वर्ष में ईडीसी को इतनी जल्दी धनराशि जारी हो पाई।
कार्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत 43 ईडीसी को चार लाख रुपये प्रति समिति के हिसाब से 1.72 करोड़ की राशि आवंटित की गई है। इनमें रामनगर डिवीजन की 16 और शेष कालागढ़ व लैंसडौन डिवीजन की हैं। निदेशक कार्बेट ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही कालागढ़ व लैंसडौन की 26 समितियों को पिछले वर्ष की दो लाख रुपये प्रति समिति के हिसाब से 54 लाख की अवशेष राशि का आवंटन भी कर दिया गया है।
ईडीसी के ये कार्य होंगे तेज
बजट आवंटन होने के बाद अब ये ईडीसी अपने-अपने क्षेत्रों में मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के मद्देनजर सौर ऊर्जा बाड़ लगाने के साथ ही जरूरी उपकरणों की खरीद कर सकेंगी। इसके साथ ही कूड़ा प्रबंधन, आजीविका विकास से जुड़े कार्यक्रमों को ईडीसी तेजी से आगे बढ़ा सकेंगी।