बीटेक काउंसलिंग को अब एक अगस्त तक कर सकते हैं पंजीकरण Dehradun News
यूटीयू ने बीटेक काउंसलिंग के पहले चरण में दो दिन और बढ़ा दिए हैं। अब छात्र-छात्राएं एक अगस्त तक ऑनलाइन पंजीकरण और च्वाइस फिलिंग कर सकते हैं।
देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) ने बीटेक काउंसलिंग के पहले चरण में दो दिन और बढ़ा दिए हैं। अब छात्र-छात्राएं एक अगस्त तक ऑनलाइन पंजीकरण और च्वाइस फिलिंग कर सकते हैं।
विवि से संबद्ध प्रदेश के राजकीय, निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों और संघटक संस्थानों के लिए बीते 27 जुलाई से ऑनलाइन काउंसिलिंग शुरू हो गई है जो 18 अगस्त तक चलेगी। काउंसलिंग के तीसरे दिन सोमवार को 1604 छात्र-छात्राओं ने पंजीकरण किया। जबकि, 1530 छात्र-छात्राओं ने च्वाइस फिलिंग कर ली है। बैंकिंग समस्या के कारण कई छात्र पंजीकरण शुल्क जमा नहीं कर पा रहे हैं। करीब एक दर्जन छात्रों ने यूटीयू काउंसलिंग समिति से संपर्क भी किया।
उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू) से संबद्ध प्रदेश के नौ राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए 2385 सीटें आवंटित की जाएंगी। जबकि 24 निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए काउंसलिंग के बाद 5713 सीटें आवंटित होगी। काउंसलिंग दो चरणों में होगी। यूटीयू के कॉलेजों में बीटेक और बायो टेक्नोलॉजी में जेईई मेन की रैंक के आधार पर दाखिला दिया जा रहा है। पहले चरण के लिए एक अगस्त तक पंजीकरण, च्वाइस फिलिंग और ऑनलाइन काउंसलिंग फीस जमा करने की सुविधा दी गई है। तीन अगस्त को सीटों का आवंटन होगा और आवंटित सीटों पर छात्र तीन से छह अगस्त के बीच प्रवेश ले सकते हैं।
काउंसलिंग के नोडल अधिकारी डॉ. अंबरीश विद्यार्थी ने बताया कि पहले दिन बेहतर रिस्पांस मिला, लेकिन दूसरे और तीसरे दिन अपेक्षाकृत कम छात्रों ने आवेदन किया। बैंकिंग और अन्य समस्याओं को देखते हुए पहले चरण की काउंसलिंग में दो दिन बढ़ा दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि काउंसलिंग के विषय में किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए विवि के हेल्पलाइन मोबाइल नंबर पर संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि दूसरा चरण आठ अगस्त से शुरू होगा। इस दौरान पंजीकरण, च्वाइस फिलिंग व शुल्क जमा किया जा सकेगा। 14 अगस्त को सीटें आवंटित की जाएंगी। छात्र 14 से 18 अगस्त के बीच चुने गए संस्थानों में प्रवेश ले सकेंगे।
बिना मान्यता ही दाखिला करने पर आमादा संस्थान
मेडिकल और इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। सरकारी कॉलेज और संस्थानों में प्रवेश नहीं मिलने से तमाम अभ्यर्थी प्राइवेट संस्थानों का रुख करते हैं। ऐसे में बिना मान्यता संचालित कई संस्थान छात्रों को भ्रमित कर रहे हैं। नर्सिंग और पैरामेडिकल डिप्लोमा से संबंधित कुछ पाठ्यक्रम भी इनमें शामिल हैं।
'डिप्लोमा इन मेडिकल लेबोरेट्री टेक्नोलॉजी' और 'डिप्लोमा इन एक्स-रे एंड इमेजिंग टेक्नोलॉजी' पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए राज्य में किसी भी संस्थान को मान्यता नहीं है। फिर भी कुछ संस्थान इनमें दाखिले कर रहे हैं। उत्तराखंड स्टेट मेडिकल फैकल्टी ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
कहा है कि उपरोक्त दोनों डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए राज्य में किसी भी संस्थान को मान्यता नहीं दी गई है। गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों में दाखिला लेने पर संबंधित संस्थान से पास आउट प्रशिक्षणार्थियों का स्टेट मेडिकल फैकल्टी में पंजीकरण नहीं हो सकेगा। इसके लिए संबंधित प्रशिक्षणार्थी और संस्थान खुद जिम्मेदार होंगे। साथ ही यह भी कहा गया है कि राज्य में नर्सिंग पाठयक्रम और पैरामेडिकल डिप्लोमा पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने से पहले छात्र-छात्राएं यह सुनिश्चित कर लें कि संबंधित संस्थान उत्तराखंड शासन, स्टेट मेडिकल फैकल्टी, उत्तराखंड नर्सेज मिडवाइव्ज कौंसिल और स्वास्थ्य विभाग से मान्यता प्राप्त है या नहीं। प्रवेश से पहले अभ्यर्थी डांडा लखौंड स्थित स्वास्थ्य महानिदेशालय से भी इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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