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योगाभ्यास और पौष्टिक आहार से निरोगी रहता है शरीर, पढ़िए पूरी खबर

अह्म ब्रह्मस्मि योग मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक योगीराज कर्णपाल गिरी महाराज ने कहा कि स्वस्थ व तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए शुद्ध सात्विक आहार व योग साधना बहुत जरूरी है।

By Edited By: Published: Thu, 07 May 2020 05:48 PM (IST)Updated: Fri, 08 May 2020 02:47 PM (IST)
योगाभ्यास और पौष्टिक आहार से निरोगी रहता है शरीर, पढ़िए पूरी खबर
योगाभ्यास और पौष्टिक आहार से निरोगी रहता है शरीर, पढ़िए पूरी खबर

ऋषिकेश, जेएनएन। अह्म ब्रह्मस्मि योग मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक योगीराज कर्णपाल गिरी महाराज ने कहा कि स्वस्थ व तनाव मुक्त जीवन जीने के लिए शुद्ध सात्विक आहार व योग साधना बहुत जरूरी है।

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लॉकडाउन में सभी को घरों में ही रहने की सलाह दी जा रही है, कोरोना वायरस संक्रमण से स्वयं को दूर रखने के लिए यह बेहद जरूरी भी है। ऐसे में घर पर रहते हुए हम योग और आहार की ओर विशेष ध्यान दें तो हमारे शरीर में स्पूर्ति व ताजगी हमेशा बनी रहेगी। अह्म ब्रह्मस्मि योग मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक योगी कर्णपाल महाराज का कहना है कि किसी भी प्रकार की बीमारी हमें तब होती है जब शरीर मे विकार रुकने लगते हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो जाती है। 

इम्यून सिस्टम बाहरी और अंदरूनी, दो प्रकार से कार्य करती है। हमारी बाहरी रोग प्रतिरोधक शक्ति त्वचा पर आए कीटाणुओं से रक्षा करती है, और स्वसन व मुंह से आए कीटाणुओं से हमारी अंदरूनी रोग प्रतिरोधक शक्ति कार्य करती है। यदि रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी तो हमारा स्वास्थ्य भी सही रहेगा। उन्होंने बताया कि जब हम मानसिक तनाव में होते हैं, तब हमारा अंदरूनी व बाहरी दोनों इम्यून सिस्टम व नर्वस सिस्टम कमजोर पड़ने लगते है। इससे शरीर बीमारी से जल्दी ही ग्रस्त हो जाता है।

नियमित योगाभ्यास से विशेषकर प्राणायाम व ध्यान से हमारे शरीर से विकार दूर हो जाते हैं और रोग प्रतिरोधक शक्ति कई गुना बढ़ जाती है। जिसके फलस्वरूप शरीर कीटाणुओं को समाप्त करने में सक्षम होता है। नियमित दिनचर्या व योग साधना से शरीर की असाध्य से असाध्य व्याधियां दूर की जा सकती हैं। 

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कोरोना जैसे वायरस को भी योग साधना व सात्विक, पौष्टिक और वात, पित, कफ को ध्यान में रखते हुए भोजन लिया जाय तो शीघ्र स्वास्थ्य लाभ लिया जा सकता है। योगीराज ने कहा कि हम अपने शरीर के डॉक्टर स्वम बनें, तभी स्वस्थ व सुखी जीवन जिया जा सकता है। परमात्मा ने हमें बुद्धि और विवेक दिया है और अनेक जड़ी बूटियां हमें दी है ताकि हम स्वस्थ व सुखी रहें और प्रभु भजन मे लीन रहकर आनंदमय जीवन जीएं। उन्होंने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए तुलसी, गिलोय, कालीमिर्च, छोटी पीपल का काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करने की सलाह दी।

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