छटपटा रही है चुनाव से बाहर हो चुकी कांग्रेस, कौशिक बोले- कांग्रेस की कथनी और करनी में है अंतर
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। आगामी विधानसभा चुनाव के परिदृश्य से कांग्रेस खुद को बाहर मान चुकी है और अब हाथ-पैर मार रही है। घर-घर जाकर भाजपा की असलियत उजागर करने के कांग्रेस के वार पर पलटवार किया।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है। आगामी विधानसभा चुनाव के परिदृश्य से कांग्रेस खुद को बाहर मान चुकी है और अब हाथ-पैर मार रही है। उन्होंने घर-घर जाकर भाजपा की असलियत उजागर करने के कांग्रेस के वार पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस को पांच साल से किसने रोका था।
कौशिक ने कहा कि कांग्रेस एक सीजनल पार्टी हो गई है। वह जनता के मुद्दों पर और समस्याओं पर कभी सक्रिय नहीं रही। अब उसे ये सब याद आ रहे हैं। महंगाई का प्रश्न उठाने पर उन्होंने कहा कि क्या कांग्रेस महाराष्ट्र, राजस्थान, छत्तीसगढ व पंजाब का हाल भी गिनाएगी कि इन राज्यों में डीजल-पेट्रोल और खाद्य वस्तुओं के क्या दाम है। उन्होंने कहा कि हम महंगाई का चार्ट जारी करेंगे और बताएंगे कि जनता को राहत देने के लिए क्या-क्या कार्य किए गए।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अब सनातन की ओर बढ़ रही है तो यह भाजपा की उपलब्धि है। पहले राम को काल्पनिक बताना, टोपी पहनना, शुक्रवार की छुट्टी जैसे विषयों से कांग्रेस की हिंदू विरोधी छवि बनी, लेकिन जब प्रधानमंत्री केदारनाथ आए तो कांग्रेसी भी मंदिरों में जल चढ़ाने लगे। यह परिवर्तन भाजपा के कारण ही संभव हुआ।
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पूर्व सैनिकों को मिले सातवें वेतनमान का लाभ
महिला कांग्रेस ने सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत पूर्व सैनिक, वीर नारी एवं सैनिक आश्रित कर्मचारियों को भी सातवें वेतनमान का लाभ देने की मांग उठाई है। बुधवार को महिला कांग्रेस की वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा टम्टा की अगुआई में महिला कांग्रेस की पदाधिकारी कालीदास रोड स्थित सैनिक कल्याण निदेशालय पहुंची। जहां उन्होंने कार्य बहिष्कार कर धरने पर बैठे पूर्व सैनिक कर्मचारी संगठन सैनिक कल्याण को समर्थन दिया। सैनिक कल्याण संगठन के अध्यक्ष सूबेदार गजपाल सिंह नेगी ने महिला कांग्रेस की पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपते हुए आग्रह किया कि कांग्रेस उनकी लंबित मांगों को आगामी विधानसभा सत्र में सदन में उठाए। संगठन की मांग है कि उन्हें नियुक्ति तिथि से विभागीय संविदा का लाभ दिया जाए। एक जनवरी 2016 से सातवें वेतनमान का लाभ दिया जाए।
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