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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य में विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन

प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन देकर उनसे अनुरोध किया है कि राज्य में जिन नगरों में विकास प्राधिकरण कार्य कर रहे हैं वहां प्राधिकरण समाप्त कर दिए जाएं क्योंकि ये प्राधिकरण अपनी स्थापना के उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सके हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Wed, 04 Nov 2020 03:44 PM (IST)Updated: Wed, 04 Nov 2020 03:44 PM (IST)
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य में विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री को दिया ज्ञापन
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने राज्य में विकास प्राधिकरणों को समाप्त करने के लिए मुख्यमंत्री को ज्ञापन दिया!

देहरादून, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष श्री बंशीधर भगत ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन देकर उनसे अनुरोध किया है कि राज्य में जिन नगरों में विकास प्राधिकरण कार्य कर रहे हैं वहां प्राधिकरण समाप्त कर दिए जाएं, क्योंकि ये प्राधिकरण अपनी स्थापना के उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सके हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस पर समुचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और इन दौरों में भाजपा कार्यकर्त्‍ताओं व सामान्य जन की ओर से एक  बड़ी शिकायत यह की गई कि राज्य में विभिन्न नगरों में जो विकास प्राधिकरण काम कर रहे हैं वे जनता की अपेक्षाओं को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। उनका इन स्थानों के विकास में भी कोई ख़ास योगदान नहीं हैं। इसके विपरीत इन प्राधिकरणों द्वारा जनता को परेशान किया जा रहा है और कार्यों में सरलता के स्थान पर उन्हें और अधिक विषम बनाया जा रहा है। कई स्थानों पर भ्रष्टाचार की शिकायतें भी सामने आई ।

बंशीधर भगत ने बताया कि इन सब बातों पर विचार के उपरांत यह अनुभव किया कि इन प्राधिकरणों के बने रहने का कोई औचित्य नहीं है। इसलिए उन्होंने जन भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाक़ात कर उन्‍हें ज्ञापन सौंपा। जिसमें इन प्राधिकरणों को समाप्त करने और उनके स्थान पर जनहित में जन कल्याणकारी व्यवस्था को स्थापित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि मुख्यमंत्री ने विषय की गंभीरता को समझते हुए इस संबंध में समुचित कार्रवाई करने का  आश्वासन दिया है।

बंशीधर भगत ने कहा कि प्राधिकरण गठन का मुख्य उद्देश्य नियोजित विकास करना था और नियमों को सही रूप में लागू करना था। जिससे जनता को सुविधा मिल सके और  प्राधिकरण के क्षेत्र में समेकित विकास हो सके, लेकिन विगत दशकों में यह प्राधिकरण इन उद्देश्यों को पूरा नहीं कर सके हैं। इनकी कार्यप्रणाली भी इस प्रकार की है, जिसमें जनता को कोई सुविधा नहीं मिलती, अपितु लोग प्राधिकरणों के चक्कर काटते रहते हैं। उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री इस बारे में उचित कार्रवाई करेंगे और प्रदेश की जनता को राहत प्रदान करेंगे। 

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