Move to Jagran APP

उत्तराखंड भाजपा में जो साधेगा संतुलन, वही बनेगा प्रदेश का मुखिया

उत्तराखंड भाजपा के सांगठनिक चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गए हैं। मंडल और जिलाध्यक्षों के बाद अब पूरी कवायद प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव पर सिमट गई है।

By Edited By: Published: Sat, 14 Dec 2019 03:01 AM (IST)Updated: Sat, 14 Dec 2019 11:05 AM (IST)
उत्तराखंड भाजपा में जो साधेगा संतुलन, वही बनेगा प्रदेश का मुखिया
उत्तराखंड भाजपा में जो साधेगा संतुलन, वही बनेगा प्रदेश का मुखिया

देहरादून विकास धूलिया। उत्तराखंड भाजपा के सांगठनिक चुनाव दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गए हैं। मंडल और जिलाध्यक्षों के बाद अब पूरी कवायद प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव पर सिमट गई है। 30 दिसंबर तक उत्तराखंड भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा। महत्वपूर्ण बात यह कि प्रदेश अध्यक्ष की दावेदारी में सांसद, विधायक से लेकर संगठन से जुड़े पदाधिकारी और मौजूदा सरकार में मंत्री तक मैदान में खम ठोक रहे हैं। 

loksabha election banner

यह लगभग तय माना जा रहा है कि संगठन के मुखिया का पद फिर कुमाऊं मंडल के हिस्से ही जाएगा। मिशन 2022 फतह करने के लिए उत्तराखंड में भाजपा संगठन की बागडोर किस दिग्गज को सौंपी जाएगी, अब यह जल्द सामने आने जाएगा। 

यूं तो उत्तराखंड के अलग राज्य बनने से पहले ही अविभाजित उत्तर प्रदेश के इस हिस्से में भाजपा की जड़े खासी गहरी रही हैं, लेकिन पिछले साढे़ पांच सालों के दौरान पार्टी अजेय नजर आ रही है। लगातार दो लोकसभा चुनावों में पांचों सीटों पर जीत और विधानसभा चुनाव में तीन-चौथाई से ज्यादा बहुमत भाजपा के स्वर्णिम सफर को बयां करते हैं। इसके अलावा निकाय और पंचायत चुनावों में भी भाजपा का ही वर्चस्व रहा। 

यही वजह है उत्तराखंड में संगठन के मुखिया पद को लेकर दावेदारों की कतार खासी लंबी है। मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष व नैनीताल से सांसद अजय भट्ट फिर दावेदारी पेश कर रहे हैं। नैनीताल जिले की लालकुंआ सीट से विधायक नवीन चंद्र दुम्का को भी अध्यक्ष पद की होड़ में आगे बताया जा रहा है। 

इनके अलावा पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व दायित्वधारी केदार जोशी, नैनीताल जिले की कालाढूंगी सीट के विधायक व पूर्व मंत्री बंशीधर भगत और पूर्व प्रदेश मंत्री कैलाश पंत भी दावेदारों की कतार का हिस्सा हैं। 

दरअसल, अध्यक्ष पद के फैसले में सबसे अहम भूमिका क्षेत्रीय और जातीय संतुलन की रहेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गढ़वाल से हैं और राजपूत हैं, लिहाजा संतुलन के लिहाज से पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद कुमाऊं मंडल और ब्राह्मण नेता के हिस्से जाएगा। 

अजय भट्ट, नवीन दुम्का, केदार जोशी, कैलाश पंत और बंशीधर भगत इस पैमाने पर बिल्कुल सटीक बैठ रहे हैं। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री धनसिंह रावत व प्रदेश महामंत्री राजेंद्र भंडारी को भी अध्यक्ष पद का दावेदार माना जा रहा है लेकिन इनका नंबर उसी स्थिति में आएगा, अगर पार्टी क्षेत्रीय व जातीय संतुलन को दरकिनार कर दे। 

अध्यक्ष पद के लिए रायशुमारी 

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर लाबिंग तेज हो गई है। दावेदार अब अंतिम चरण में देहरादून से दिल्ली की दौड़ में जुट गए हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दावेदारों के साथ ही उनके समर्थक विधायक और संगठन के पदाधिकारी या तो दिल्ली पहुंचे हैं या फिर दिल्ली में आलाकमान तक अपने संपर्को के जरिये अपनी बात पहुंचा रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि 20 दिसंबर के बाद पार्टी नेतृत्व अपने दो वरिष्ठ नेताओं को उत्तराखंड भेज कर प्रदेश अध्यक्ष पद के दावेदारों को लेकर रायशुमारी करेंगे। 

यह भी पढ़ें: उक्रांद ने नियुक्त किए जिला प्रभारी, कार्यकारिणी का विस्तार

चार जिलाध्यक्षों पर अभी भी पेच 

सांगठनिक चुनावों के तहत भाजपा 14 में 10 जिलों के जिलाध्यक्षों का ऐलान कर चुकी है, लेकिन चार में अभी भी पेच फंसा हुआ है। पार्टी सूत्रों के अनुसार देहरादून महानगर, हरिद्वार, उत्तरकाशी व ऊधमसिंहनगर के जिलाध्यक्षों के नाम करीब-करीब फाइनल हैं, लेकिन इसमें क्षेत्रीय समेत अन्य समीकरणों को भी देखा जा रहा है। इस कारण ही इनके एलान में विलंब हो रहा है। 

यह भी पढ़ें: जनवादी महिला समिति ने फूंका केंद्र सरकार का पुतला Dehradun News


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.