देहरादून, राज्य ब्यूरो। भाजपा की गढ़वाल संभाग की वर्चुअल रैली (उत्तराखंड जन संवाद) के जरिये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जहां मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की एक वर्ष की उपलब्धियां गिनाई, वहीं, उत्तराखंड की जनभावनाओं को छूने की कोशिश की। उन्होंने देवभूमि उत्तराखंड को परिश्रम और पराक्रम की धरती बताया, तो गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने, अटल आयुष्मान योजना, केदारनाथ पुनर्निर्माण, इन्वेस्टर्स समिट के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया। साथ ही 2017 के चुनावी घोषणा पत्र के 85 फीसद वादे पूरे करने के लिए त्रिवेंद्र सरकार की पीठ थपथपाई और कहा कि यह सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास को मुस्तैदी से जुटी है।
दिल्ली से वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले वर्ष में ऐतिहासिक फैसले लिए गए। फिर चाहे वह 370 हटाने की बात हो, राम मंदिर निर्माण, सीएए, तीन तलाक या एनआरसी, इनमें केंद्र सरकार ने मजबूत इच्छाशक्ति के साथ निर्णय लिए। उन्होंने कहा कि आमजन के लिए बुनियादी कार्यों को प्राथमिकता दी गई। जिन गांवों में बिजली नहीं थी, वहां बिजली पहुंचाई गई। जनधन योजना में करोड़ों लोगों के बैंक खाते खोले गए। आवास, गैस कनेक्शन, आयुष्मान भारत, किसान निधि, स्वरोजगार, हर घर को नल से जल, एक देश-एक राशन कार्ड जैसी तमाम योजनाओं का जिक्र किया।
कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इससे भारत ही नहीं विश्व के लगभग सभी देशों की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाई है। सरकार ने अर्थव्यवस्था सुधारने को 20 लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज दिया। एमएसएमई की परिभाषा बदली। साथ ही कोरोना से निबटने को उठाए गए कदमों के अलावा जरूरतमंदों को मुहैया कराई सहायता का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि और वीरभूमि है। परिश्रम और पराक्रम की यह धरती है। जब राज्य का गठन हुआ तो वह संयुक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। उत्तराखंड के हर क्षेत्र में उन्हें जाने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड आंदोलन के दौरान राजधानी गैरसैंण हो ये मांग उठी थी। अब त्रिवेंद्र सरकार ने इसे ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया है।
उन्होंने कोविड-19 से निबटने को उठाए कदमों के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सराहना की। भराड़ीसैंण कोविड केयर सेंटर का जिक्र करते हुए कहा केंद्रीय टीम ने भी इसे सराहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड निरंतर विकास के पथ पर आगे बढ़ रहा है। इस क्रम में कांट्रेक्ट फार्मिग, बीज पर 75 फीसद सब्सिडी, पलायन रोकने को कदम, गौरादेवी कन्याधन योजना, केदारनाथ पुननिर्माण समेत तमाम योजनाओं का उल्लेख किया। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड प्रभारी श्याम जाजू ने कोरोना से निबटने को सरकार द्वारा बताए गए नियम-कानूनों का पालन करने पर जोर दिया।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने रैली शामिल सभी लोगों राष्ट्रहित और राष्ट्र निर्माण में सहयोग की शपथ दिलाई। सांसद तीरथ सिंह रावत, अजय भट्ट और माला राज्यलक्ष्मी शाह, राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी, कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, राज्यमंत्री डॉ.धन सिंह रावत समेत अन्य मंत्री, भाजपा के प्रांतीय, जिला, मंडल और बूथ स्तर के पदाधिकारी व कार्यकर्ता रैली में शामिल हुए।
कोविड से लड़ने को धन की नहीं कमी
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रैली में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सही समय पर लिए गए सही फैसले की बदौलत देश में कोरोना से उतना नुकसान नहीं हुआ, जितनी संभावना जताई जा रही थी। लॉकडाउन का निर्णय आसान नहीं था। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी कोविड-19 से लड़ने को डटी हुई है। इसके लिए धन की कोई कमी नहीं है। जितना प्रविधान किया गया है, उसका 10 फीसद भी खर्च नहीं हुआ है। उन्होंने प्रवासियों को भरोसा दिलाया कि जो वापस आना चाहते हैं उन्हें लाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने तीन साल के कार्यकाल में राज्य सरकार ने चुनाव के दौरान जनता से किए 85 फीसद वादे पूरे कर लिए हैं। सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर चल रही है। साथ ही जोड़ा कि हम लोकायुक्त के विरोधी नहीं हैं, लेकिन ऐसे कार्य ही क्यों किए जाएं जिससे इसकी जरूरत पड़े। हमने भ्रष्टाचारमुक्त सरकार चलाकर यह संदेश दिया है। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा कि वह सिर्फ विरोध के लिए विरोध न करे।
10 साल विपक्ष भी यहां सत्ता में रहा, वह बताए कि इस अवधि में उसने कितने फीसद वादे पूरे किए। इतिहास में स्वर्णिम वर्ष भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि केंद्र सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल भारत के इतिहास का स्वर्णिम वर्ष है। यह नए भारत के निर्माण की शुरुआत है। उन्होंने विपक्षी कांग्रेस से पूछा कि उसने गैरसैंण पर क्यों निर्णय नहीं लिया। दो बार कहा गृहमंत्री प्रदेश अध्यक्ष भगत जब रैली में अपनी बात रख रहे थे, तब उन्होंने एक नहीं दो बार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को गृह मंत्री कहकर संबोधित किया।