भाजपा ने घोषित किए 10 जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 30 दिसंबर तक
भाजपा ने 14 सांगठनिक जिलों में से 10 के जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी। चार जिलों के अध्यक्षों को लेकर अभी पेच फंसा हुआ है। वहीं प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 30 दिसंबर तक होगा।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। सांगठनिक चुनाव के तहत मंडल अध्यक्षों की घोषणा के बाद अब भाजपा ने 14 सांगठनिक जिलों में से 10 के जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी। अलबत्ता, चार जिलों के अध्यक्षों को लेकर अभी पेच फंसा हुआ है। हालांकि, प्रदेश भाजपा नेतृत्व का कहना है कि शेष चार जिलाध्यक्षों के निर्वाचन की घोषणा जल्द कर दी जाएगी। वहीं, प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव 30 दिसंबर तक होगा।
भाजपा में जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए पार्टी नेतृत्व ने चार से सात दिसंबर तक सभी जिलों में रायशुमारी की। आठ दिसंबर को जिलाध्यक्षों की घोषणा की जानी थी, लेकिन कई जिलों में सहमति न बनने के कारण ऐसा नहीं हो सका था। हालांकि, इस विलंब को प्रदेश अध्यक्ष को लेकर हर स्तर पर चल रही लाबिंग और जोड़-तोड़ से भी जोड़कर देखा गया।
इस बीच प्रदेश चुनाव अधिकारी बलवंत सिंह भौंर्याल ने 10 जिलाध्यक्षों की घोषणा कर दी। इनमें रघुवीर सिंह (चमोली), दिनेश उनियाल (रुपद्रयाग), विनोद रतूड़ी (टिहरी), शमशेर सिंह पुंडीर (देहरादून जिला), संपत सिंह रावत (पौड़ी), वीरेंद्र वल्दिया (पिथौरागढ़), शिव सिंह बिष्ट (बागेश्वर), रवि रौतेला (अल्मोड़ा), दीपचंद्र पाठक (चंपावत) व प्रदीप बिष्ट (नैनीताल) शामिल हैं।
चार जिलों देहरादून महानगर, उत्तरकाशी, ऊधमसिहनगर व हरिद्वार के जिलाध्यक्षों की घोषणा नहीं की गई है। बताया जा रहा कि इन जिलों में अध्यक्ष पद पर सर्वानुमति के लिए कसरत चल रही है। हालांकि, भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी डॉ.देवेंद्र भसीन ने कहा कि इन जिलों के जिलाध्यक्षों की घोषणा जल्द कर दी जाएगी।
अब 30 दिसंबर तक होगा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव अब 30 दिसंबर तक होगा। चार जिलाध्यक्षों की घोषणा में विलंब के साथ ही अन्य संतुलन साधने की कवायद को इसकी वजह माना जा रहा है। पहले प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव को 15 दिसंबर तक की तिथि तय की गई थी। अब अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने के मद्देनजर पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान 20 दिसंबर को दून में रायशुमारी कर सकते हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार इन सब परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश को 30 दिसंबर तक ही नया अध्यक्ष मिल पाएगा।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए अभी तक तस्वीर पूरी तरह साफ नहीं हो पाई है। यह भी अध्यक्ष पद का चुनाव पीछे खिसकाए जाने की वजह मानी जा रही है। असल में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए पार्टी को क्षेत्रीय और जातीय संतुलन साधना है। सूत्रों के मुताबिक यह तय है कि अध्यक्ष कुमाऊं मंडल से ही बनेगा। इनमें दो विधायक और संगठन के एक वरिष्ठ पदाधिकारी का नाम इस रेस में है।
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सूत्रों ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष के नाम पर सहमति बनाने के मद्देनजर रायशुमारी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक शिवराज सिंह चौहान 20 दिसंबर को देहरादून आ सकते हैं। वह सांसदों, पार्टी के कोर गु्रप के साथ बैठकें करने के साथ ही अन्य नेताओं से भी मुलाकात करेंगे।
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