Uttarakhand Assembly Elections 2022 : चुनावी साल में सीएम स्वरोजगार योजना पर बड़ा दारोमदार
Uttarakhand Assembly Elections 2022 मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर चुनावी साल में बड़ा दारोमदार रहने वाला है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी पर निशाना साधने के बाद मुख्यमंत्री धामी सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Assembly Elections 2022 चुनावी साल में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पर बड़ा दारोमदार रहने वाला है। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के कोरोना काल में बढ़ती बेरोजगारी पर निशाना साधने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सावधानी से कदम आगे बढ़ा रहे हैं। धामी सरकार स्वरोजगार योजना पर पूरा जोर लगा रही है। चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले स्वरोजगार योजना के लाभार्थियों की संख्या संतोषजनक स्तर तक पहुंचाने को संबंधित विभागों को झोंका गया है।
मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत पर्यटन, समाज कल्याण, उद्योग, कृषि, उद्यान समेत कई विभागों के लिए लक्ष्य रखे गए हैं। विभागों को स्वरोजगार से जुड़ी कई योजनाओं में लाभार्थियों को बैंकों के माध्यम से सस्ता ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य दिया गया है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम को भी संचालित किया जा रहा है। दोनों ही योजनाओं के लक्ष्य को पूरा करने की नई तिथि तय की जा चुकी है। अब यह कार्य 15 दिसंबर तक पूरा करना होगा।
राज्य के सभी जिलाधिकारियों को विशेष अभियान चलाकर स्वरोजगार योजनाओं के लक्ष्य पूरा करने के निर्देश दिए जा चुके हैं। विभागों और बैंकों के अधिकारियों को योजनाओं में ऋण लेने के लिए आवेदन करने वालों को मदद देने को कहा गया है। आवेदन में तकनीकी खामी रहने से ऋण की पात्रता खारिज करने में बैंक देर नहीं लगाते। इसी वजह से बैंकों को भी खामियों को दुरुस्त करने और इस मामले में विभागों का सहयोग लेने के निर्देश मुख्यमंत्री दे चुके हैं।
मुख्यमंत्री की इस योजना में रुचि देखते हुए मुख्य सचिव भी अपने स्तर पर स्वरोजगार योजना व कार्यक्रम की समीक्षा कर रहे हैं। उद्योगों में रोजगार का वातावरण सृजित करने को उद्योग मित्रों की जिला स्तर पर बैठकों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार होने से सरकार भी उत्साहित है।
उद्योगों और निजी क्षेत्रों में काम-धंधे की रफ्तार में तेजी आने का लाभ स्वरोजगार योजना में भी मिलेगा। मुख्य सचिव ने इसी वजह से ऋण आवेदनों के निस्तारण पर जोर दिया है। साथ ही बैंकों से 15 साल की अवधि के लिए ऋण देने में रुचि लेने को कहा गया है। बैंक लंबी अवधि के ऋण देने से बचने की कोशिश करते रहे हैं। सरकार के सख्त रुख का असर बैंकों पर भी दिखने लगा है।
यह भी पढ़ें:-Uttarakhand Election: आटो चालकों से बोले केजरीवाल, आपका भाई बनने आया हूं; सारी समस्याएं मेरी जिम्मेदारी