कोरोना जांच रिपोर्ट में फर्जीवाड़ा, पोर्टल का पासवर्ड कई को बांटा
दून मेडिकल कालेज में कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जीवाड़े में अधिकारियों की बड़ी चूक सामने आई है। जिस दौरान यह गड़बड़ी की गई उस वक्त कई चिकित्सकों और कर्मचारियों के पास पोर्टल का पासवर्ड था। जबकि पासवर्ड केवल कुछ जिम्मेदार व्यक्तियों को ही दिया जाता है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। दून मेडिकल कालेज में कोरोना जांच रिपोर्ट के फर्जीवाड़े में अधिकारियों की बड़ी चूक सामने आई है। जिस दौरान यह गड़बड़ी की गई, उस वक्त कई चिकित्सकों और कर्मचारियों के पास पोर्टल का पासवर्ड था। जबकि, पासवर्ड केवल कुछ जिम्मेदार व्यक्तियों को ही दिया जाता है। वहीं कालेज प्रबंधन की ओर से कार्रवाई में सुस्ती बरते जाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। माइक्रोबायोलाजी के विभागाध्यक्ष अपनी जांच रिपोर्ट में एफआइआर कराने की संस्तुति कर चुके हैं, मगर कालेज प्रबंधन ने अभी तक ऐसा कोई कदम नहीं उठाया है।
बीती 25 मई को एक व्यक्ति की रिपोर्ट में उसे कोरोना संक्रमित दिखाया गया था, लेकिन अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डा. केसी पंत को रिपोर्ट पर शक हुआ। रिपोर्ट में शाब्दिक गलतियां होने के साथ क्यूआर कोड भी गायब था। उन्होंने रिपोर्ट का सत्यापन कराया तो पता चला कि मूल रिपोर्ट महाराष्ट्र के 21 वर्षीय व्यक्ति की है। चौंकाने वाली बात यह है कि इस पड़ताल से ऐसे कई और मामले भी पकड़ में आए। जिसमें मूल रिकार्ड के आधार पर कोरोना जांच की फर्जी रिपोर्ट तैयार कर दी गई। एमएस डा. केसी पंत का कहना है कि विभागाध्यक्ष की ओर से जांच रिपोर्ट दी गई थी, जिसे प्राचार्य को भेज दिया गया है। उनसे दिशा-निर्देश मांगे गए हैं। उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
उधर, कालेज के प्राचार्य डा. आशुतोष सयाना का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच कराई जा रही है। ये गड़बड़ियां जिसने भी की हैं, उसे बख्शा नहीं जाएगा। कमेटी की रिपोर्ट मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
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किशोरी को छोड़ चले गए स्वजन
देहरादून में एक किशोरी को उसके स्वजन अकेले छोड़कर कहीं चले गए। पुलिस ने जब किशोरी को भीख मांगते हुए देखा तो माउंटेन चिल्ड्रंस फाउंडेशन को सौंप दिया। इंस्पेक्टर विद्या भूषण नेगी ने बताया कि सूचना मिली थी कि एक किशोरी बिंदाल पुल के पास सड़कों पर घूमती रहती रहती है, और लोग से पैसे मांगती रहती है। किशोरी का पता करने के लिए महिला चीता कर्मचारी बिंदाल पुल पर भेजे गए। किशोरी ने बताया कि स्वजन छोड़कर बिहार चले गए हैं। वह बिंदाल बस्ती में नदी किनारे रहती है। फिलहाल उसके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है। मेडिकल के बाद किशोरी को माउंटेन चिल्ड्रंस फाउंडेशन को सौंपा गया है।
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