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कांग्रेस में दिग्गजों की नाराजगी दूर करने की कसकत, चुनाव तक टली नई कार्यकारिणी

कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही राज्य के दिग्गजों की नाराजगी दूर करने और तालमेल बिठाने की कसरत तेज कर दी है। वहीं प्रदेश की नई कार्यकारिणी चुनाव तक टाल दी गई।

By BhanuEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 09:46 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 09:46 AM (IST)
कांग्रेस में दिग्गजों की नाराजगी दूर करने की कसकत, चुनाव तक टली नई कार्यकारिणी
कांग्रेस में दिग्गजों की नाराजगी दूर करने की कसकत, चुनाव तक टली नई कार्यकारिणी

देहरादून, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव का बिगुल बजने से पहले ही राज्य के दिग्गजों की नाराजगी दूर करने और तालमेल बिठाने की कसरत तेज कर दी है। प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह की अध्यक्षता में प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में सबको साथ लेकर चलने के फार्मूले को अंतिम रूप दिया गया। तय किया गया कि राज्य की पांचों संसदीय सीटों पर बाहरी या भीतरी को किसी भी स्तर पर मुद्दा नहीं बनाया जाएगा। 

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पार्टी के सांगठनिक जिलों से भेजे गए पैनल में नाम नहीं होने के बावजूद दिग्गज व राष्ट्रीय स्तर के नेताओं इच्छा को देखते हुए उनकी दावेदारी को खुद-ब-खुद पार्टी के पैनल में जगह मिलेगी। इस तरह से तैयार किए गए पैनल को स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा जाएगा। इसके बाद कमेटी तीन नाम का पैनल तैयार कर कांग्रेस हाईकमान को भेजेगी। 

हालांकि, प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने यह भी साफ कर दिया कि पार्टी जिताऊ प्रत्याशियों पर ही दांव खेलेगी। राज्य में पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के भीतर दिग्गजों में खींचतान तेज होने लगी थी। 

लोकसभा क्षेत्रवार दावेदारों के पैनल पार्टी के सांगठनिक जिलों से भेजे जाने का सिलसिला शुरू होने के साथ ही अंसतोष के सुर भी सतह पर उठने लगे थे। भाजपा की मजबूत चुनौती का सामना करने के लिए पार्टी असंतोष को समय रहते काबू करने में जुटी है। 

इस सिलसिले में प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह बीते मंगलवार से देहरादून में डेरा डाल चुके हैं। राजीव भवन में प्रदेश चुनाव समिति की पहली बैठक प्रभारी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में सबसे पहले नाराजगी दूर करने और लोकसभा चुनाव में मजबूती से खम ठोकने के फार्मूले पर मंथन हुआ। बैठक में पार्टी के सांगठनिक जिलों से भेजे गए पैनल पर भी चर्चा की गई। चर्चा के दौरान हरिद्वार जिले में प्रत्याशियों के पैनल में बाहरी-भीतरी का मुद्दा भी उठा।

सदस्यों की नाराजगी देखते हुए प्रदेश प्रभारी ने स्पष्ट किया कि किसी भी सीट पर इसे मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए। इस मामले में राष्ट्रीय स्तर के नेताओं का नाम पैनल में स्वत: शामिल किया जाएगा। इन सभी पैनल को स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा जाएगा। 

पार्टी की ओर से गठित की गई इस लंबी-चौड़ी चुनाव समिति की पहली बैठक में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, पूर्व मुख्यमंत्री व राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत, प्रदेश सह प्रभारी राजेश धर्माणी, राष्ट्रीय सचिव काजी निजामुद्दीन, उपनेता प्रतिपक्ष करन माहरा, विधायक गोविंद सिंह कुंजवाल, फुरकान अहमद, ममता राकेश, आदेश चौहान, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व सांसद महेंद्रपाल सिंह, पूर्व विधायक तिलकराज बेहड़, राजकुमार, जीतराम, ओबीसी प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष संजय डोभाल, महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य, एनएसयूआइ अध्यक्ष मोहन भंडारी मौजूद थे। 

प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर जिला इकाइयों से दावेदारों के पैनल मंगाए जा चुके हैं। इन पैनल में प्रदेश के प्रभावशाली नेताओं को शामिल करते हुए पैनल को स्टेट स्क्रीनिंग कमेटी को भेजा जाएगा। कमेटी पांचों सीटों पर तीन-तीन नामों के पैनल तैयार कर पार्टी हाईकमान को भेजेगी।

लोकसभा चुनाव तक टली नई कार्यकारिणी की घोषणा

प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी की घोषणा एक बार फिर लंबे समय के लिए टल गई है। लोकसभा चुनाव के मौके पर पार्टी में असंतोष को रोकने के लिए पार्टी हाईकमान ने यह रुख अपनाया है। अब लोकसभा चुनाव के बाद ही नई कार्यकारिणी घोषित की जाएगी। 

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम को अपनी टीम के लिए अब लंबा इंतजार करना होगा। हालांकि, प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी को अंतिम रूप दिया जा चुका है, लेकिन इसके बावजूद पार्टी लोकसभा चुनाव के मौके पर किसी भी तरह के असंतोष से बचना चाह रही है। इससे पहले बीते पखवाड़े में ही प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा को तकरीबन पक्का माना जा रहा था। 

इसे लेकर पार्टी में विभिन्न स्तर पर कड़ी मशक्कत भी की गई थी। दरअसल पार्टी में वर्चस्व को लेकर अंदरखाने छिड़ी जंग के चलते पिछले लंबे अरसे से गुटीय खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही है। लोकसभा चुनाव के अवसर पर ये खींचतान और तेज होने के आसार देखते हुए पार्टी हाईकमान ने पूरी सावधानी बरतने का निर्णय लिया है। 

पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश की नई कार्यकारिणी में सबको खुश करने की कोशिश में इसका आकार बढ़ाने पर सहमति बन चुकी है। इससे पहले पार्टी की ओर से छोटी कार्यकारिणी रखने पर सहमति दी थी। अब पार्टी के भीतर सबको साधने और तालमेल कायम करने की रणनीति के चलते प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी की घोषणा को टाल दिया है। मीडिया से बातचीत में कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अनुग्रह नारायण सिंह ने कहा कि नई प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा अब चुनाव के बाद की जाएगी।

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