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एसआइटी जांच में फर्जी मिला बीएड का अंकपत्र, रुद्रप्रयाग में तैनात शिक्षक निलंबित

शिक्षा विभाग ने एसआइटी जांच के आधार पर रुद्रप्रयाग के एक शिक्षक को निलंबित कर दिया है। शिक्षक का बीएड का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। एसआइटी शिक्षक के खिलाफ 10 दिसंबर को मुकदमा दर्ज कर चुकी है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 08:07 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 01:40 PM (IST)
एसआइटी जांच में फर्जी मिला बीएड का अंकपत्र, रुद्रप्रयाग में तैनात शिक्षक निलंबित
एसआइटी जांच में फर्जी मिला बीएड का अंकपत्र।

जागरण संवाददाता, देहरादून। शिक्षा विभाग ने एसआइटी जांच के आधार पर रुद्रप्रयाग के एक शिक्षक को निलंबित कर दिया है। शिक्षक का बीएड का प्रमाणपत्र फर्जी पाया गया है। एसआइटी शिक्षक के खिलाफ 10 दिसंबर को मुकदमा दर्ज कर चुकी है। मंगलवार को इस संबंध में गढ़वाल मंडल पौड़ी के मंडलीय अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट ने निलंबन के आदेश जारी किए। 

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इन दिनों शिक्षा विभाग फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षकों पर शिकंजा कस रहा है। इस बार मामला रुद्रप्रयाग के जखोली विकासखंड के राजकीय इंटर कॉलेज, सौंराखाल का है। यहां एलटी सामान्य के पद पर भवानी लाल को मंडल अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा महावीर बिष्ट ने एसआइटी जांच जांच में बीएड का अंकपत्र फर्जी पाए जाने पर निलंबित कर दिया है। 

आदेश में उन्होंने कहा है कि विभाग ने शिक्षक के बीएड प्रमाण पत्रों की एसआइटी की ओर से जांच कराई गई, जिसमें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय भवानी लाल के वर्ष 2005 के अनुक्रमांक और नामांकन संख्या की जानकारी वहां गोपनीय अभिलेखों में दर्ज नहीं पाई गई है। मंडलीय अपर निदेशक ने कहा कि विभागीय जांच पूरी होने तक निलंबन अवधि में शिक्षक को खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय जखोली में संबद्ध कर दिया है। 

श्वान पशुओं की नसबंदी की

विश्व मादा श्वान पशु बान्ध्यकरण दिवस पर नगर निगम के एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर में 120 पशुओं की नसबंदी की गई। इस दौरान 46 श्वान का रेबिस टीकाकरण भी किया गया। मंगलवार की सुबह नगर निगम के पशु चिकित्सा अनुभाग और ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल/ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में केदारपुरम स्थित सेंटर में बान्ध्यकरण और टीकाकरण शिविर लगाया गया। 

नगर निगम के वरिष्ठ नगर पशु चिकित्साधिकारी डा. डीसी तिवारी ने बताया कि इसमें पालतू व आवारा श्वान पशुओं की नसबंदी की गई। इस दौरान स्थानीय जन ने पहले ही अपने पालतू श्वान पशु के बांध्यकरण को लेकर निगम में पंजीकरण कराया हुआ था। डा. तिवारी ने बताया कि आवारा श्वान पशुओं की आबादी पर नियंत्रण के लिए शिविर का आयोजन किया गया। 

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