जौनसार-शिलगांव में ओलावृष्टि और तूफान से तबाह हुई फसलें
चकराता मौसम के अचानक करवट बदलने से जौनसार-बावर के कई ग्रामीण इलाकों में सोमवार शाम को अतिवृष्टि और ओलावृष्टि हुई इससे ग्रामीण किसानों की फसलें तबाह हो गई।
संवाद सूत्र, चकराता: मौसम के अचानक करवट बदलने से जौनसार-बावर के कई ग्रामीण इलाकों में सोमवार शाम को जमकर ओलावृष्टि हुई, इससे सैकड़ों किसानों की फसलें तबाह हो गई। ओलावृष्टि और तूफान के चलते बगीचों में लगे कई फलदार पेड़ धराशाई हो गए। अतिवृष्टि के कारण त्यूणी-चकराता-मसूरी हाईवे पर सुखेड़ पुल के पास जलजले के रूप में पहाड़ से आया भारी मलबा सड़क पर जमा हो गया। इसके चलते हाईवे पर वाहनों को संचालन काफी देर तक बाधित रहा।
प्रखंड से जुड़े सीमांत शिलगांव खत के कथियान, भूनाड़, हरटाड़, छजाड़, डांगूठा, ऐठान, पटियूड़ और जौनसार के कोटा-तपलाड़ समेत आसपास के कई इलाकों में मौसम ने कहर बरपाया। सुबह से आसमान पर छाए काले बादल शाम को बरस पड़े। जनजातीय क्षेत्र के कई इलाकों में तेज बारिश और तूफान के साथ भारी ओलावृष्टि होने से किसानों को अधिक नुकसान हुआ। खेती किसानी पर निर्भर सैकड़ों ग्रामीण परिवारों की मेहनत पर पूरी तरह पानी फिर गया।
ओलावृष्टि और तूफान की चपेट में आये ग्रामीण क्षेत्र के किसान सेनपाल सिंह रावत, हरक सिंह, गोविद, मदन सिंह, कोटा-तपलाड़ के प्रधान अजय पाल तोमर, महावीर तोमर, पप्पू तोमर आदि ने कहा कि बगीचों में लगे फल ओले गिरने से नष्ट हो गए। तूफान के कारण ग्रामीण बागवानों के बगीचों में लगे कई फलदार पेड़ भी धराशाई हो गए। क्षेत्र में तीसरी बार हुई ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में थोड़ी बहुत बची फसलें भी तबाह हो गई। ओलावृष्टि के चलते पहाड़ के ऊंचे इलाकों में कटाई के लिए तैयार गेहूं की फसल खेतों में बर्बाद हो गई। इसके अलावा मटर, आलू, राजमा, टमाटर और अन्य नगदी फसलों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने प्रदेश सरकार से प्रभावित किसानों एवं बागवानों को हुए नुकसान के एवज में उचित मुआवजा दिलाने की मांग की है। वहीं उप जिलाधिकारी संगीता कनौजिया ने तहसीलदार त्यूणी और चकराता से प्रभावित क्षेत्र में फसलों को हुए नुकसान की जांच रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है।
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हाईवे पर भारी मलबा जमा होने से यातायात बाधित
चकराता: सोमवार शाम को सीमांत क्षेत्र में हुई तेज बारिश के चलते चकराता-त्यूणी-मसूरी हाईवे पर गेट बाजार त्यूणी से पहले सुखेड़ पुल के पास पहाड़ से आए मलबे के कारण यातायात सेवा कुछ देर के लिए बाधित रही। पहाड़ से जलजले के रूप में मलबा आने से स्थानीय निवासी भगत सिंह गुंसाईं की गोशाला को भी नुकसान हुआ। वहीं हाईवे पर सड़क के बीच मलबे का ढेर जमा हो गया, जिससे कई वाहन मलबे के कारण बीच रास्ते में फंस गए। हाईवे बंद होने की सूचना मिलने के तुरंत बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिशासी अभियंता इं. ओपी सिंह ने एनएच खंड लोनिवि की टीम को सड़क से मलबा हटाने के लिए मौके पर भेजा। टीम ने जेसीबी के जरिए सुखेड़ पुल के पास आए मलबे को साफ कर यातायात सेवा बहाल की।