पाले के बाद अब कोहरे ने किसानों को किया बैचेन
विकासनगर पछवादून में अब कोहरे की समस्या ने किसानों की बैचेनी बढ़ा दी है।

जागरण संवाददाता, विकासनगर: पछवादून में अब कोहरे की समस्या ने किसानों की बैचेनी बढ़ा दी है। खासकर सब्जियों के उत्पादन में कोहरे का बुरा प्रभाव पड़ने लगा है। दरअसल, पहले पाले ने फसलों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन बारिश के बाद पाले की समस्या तो हल हो गई और मैदानी इलाकों में रात में कोहरे की समस्या बढ़ गई है। कृषि विज्ञान केंद्र ढकरानी के विज्ञानी डा. संजय राठी का कहना है कि कोहरे के कारण जमीन में नमी बढ़ाने से विशेषकर सब्जी की फसलों में रोग की आशंका बढ़ जाती है। आलू की फसल में रोग लगने शुरू हो जाते हैं। कोहरे का प्रतिकूल प्रभाव गेहूं, सरसों आदि फसलों पर भी पड़ता है।
एक अनुमान के अनुसार पूरे देहरादून जिले में 14 हजार हेक्टेयर में गेहूं और साढ़े छह हजार हेक्टेयर में गन्ने की बुआई होती है। इसके अलावा अब टमाटर, गोभी, फूल गोभी, बीन्स, मटर, हरी मिर्च, धनिया, बैगन, मूली, गाजर, शलगम आदि सब्जियों की फसलों की खेती की तरफ भी किसानों का रुझान बढ़ा है। कई किसानों ने परंपरागत खेती को छोड़कर सब्जी की खेती करना शुरू कर दिया है, जिससे उनकी आर्थिकी भी सुधरी है।
इधर, मौसम का प्रभाव किसानों को बैचेन कर रहा है। पहले पाले से सबसे ज्यादा असर गेहूं, गन्ने, सरसों आदि फसलों पर पड़ रहा था। बारिश के बाद अब पाले की समस्या हल हुई तो कोहरे ने रोग का खतरा बढ़ा दिया है। कृषि विज्ञानी डा. संजय कुमार राठी ने बताया कि कोहरे की वजह से भूमि में नमी प्रतिशत बढ़ जाता है, कोहरे में कार्य क्षमता कम हो जाती है, पौधों में वनस्पतिक वृद्धि भी प्रभावित होती है। सब्जी की फसलों के लिए कोहरा अनुकूल नहीं है, सबसे ज्यादा असर आलू की फसल पर पड़ता है, आलू में रोग लग जाते हैं। पाले से फसलों का बचाव जमीन में नमी बरकरार रखकर किया जा सकता है, लेकिन कोहरे से फसल बचाव का कोई उपाय नहीं है।
Edited By Jagran