उत्तराखंड में कोरोना जांच का खत्म नहीं हो पा रहा है बैकलॉग, पढ़िए पूरी खबर
कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बावजूद सैंपल का बैकलॉग नहीं घट रहा है। स्थिति ये है कि बैकलॉग सत्रह हजार से पास पहुंच गया है। मैदानी जिलों में पहाड़ की तुलना में ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है तो वेटिंग भी उसी मुताबिक बढ़ रही है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना जांच की रफ्तार बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बावजूद भी सैंपल का बैकलॉग नहीं घट रहा है। स्थिति ये है कि बैकलॉग सत्रह हजार से पास पहुंच गया है। मैदानी जिलों में पहाड़ की तुलना में ज्यादा सैंपलिंग की जा रही है, तो वेटिंग भी उसी मुताबिक बढ़ रही है। जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। उन्हें कई बार रिपोर्ट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेजी हो गई है। मौजूदा हालात साफ संकेत दे रहे हैं कि आने वाले दिनों में संक्रमितों की संख्या और बढ़ सकती है। पर इस बीच प्रयोगशालाओं में बढ़ता बैकलॉग भी चिंता का सबब बन रहा है। प्रदेश में पहले की तुलना में कोरोना जांच की सुविधाएं बढ़ी हैं। न केवल सरकारी बल्कि कई निजी लैब भी अब जांच कर रही हैं।
प्रतिदिन औसतन दस से बारह हजार सैंपलों की जांच रिपोर्ट आ रही है। पर साथ ही सैंपलों का बैकलॉग भी बढ़ रहा है। कोरोना के आंकड़ों का अध्ययन कर रही संस्था सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि पहले की तुलना में प्रदेश में सैंपलिंग व जांच बढ़ी है। बैकलॉग के अंतर को खत्म करने पर सरकार व स्वास्थ्य विभाग को ध्यान देना होगा। उधर, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब उस तरह का बैकलॉग नहीं रह गया है। पेंडेंसी में वह सैंपल भी दिखाए जाते हैं जिन्हें उसी दिन लैब को भेजा गया है। अब यह प्रयास किया जा रहा है कि मरीज को जांच रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर मिल जाए।
कहां-कितना बैकलॉग
- अल्मोड़ा-248
- बागेश्वर-406
- चमोली-816
- चंपावत-510
- देहरादून-3985
- हरिद्वार-3189
- नैनीताल-1604
- पौड़ी गढ़वाल-723
- पिथौरागढ़-540
- रुद्रप्रयाग-256
- टिहरी गढ़वाल-604
- ऊधमसिंहनगर -2986
- उत्तरकाशी-954